परीमाला के सपने

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** आज रविवार का दिन है और दिन के ११ बज रहे हैं। मैं गिन्नी के वीडियो कॉल का इंतजार कर रही हूँ। गिन्नी मेरी लड़की, जिसका नाम तो गीतिका है मगर प्यार से हम उसे ‘गिन्नी’ कह कर पुकारते हैं। वह बेंगलुरु में नौकरी करती है। उसकी शनिवार-रविवार की छुट्टी रहती है,तभी … Read more

नैसर्गिक न्याय

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* घने पेड़ों के झरमुट में बसा हुआ अकीलपुर गाँव,अपनी शोभा,रहन-सहन में अकेला था। नदी किनारे बसा हुआ,हरे-भरे ब़ागों से घिरा हुआ,जरूरत पूरी करने के लिए बंसवाड़ी भी लगी हुई!लहलहाते खेतों की चादर बिछाए।‌जवान लोग तो कमाने दूर-दूर पंजाब, हरियाणा,दिल्ली,राजस्थान,मुंबई तो चेन्नई तक चले गये थे और जो बाहर जाने … Read more

सार्थकता

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** “इन्सान भी क्या खूब है ? दिन-रात तो ढेर सारे पाप करता है और सुबह गंगा में एक डुबकी लगाकर सारे पाप धो लेता है तथा पुण्य कमा लेता है,पर दादा! क्या सच में ऐसा होता है ?”“न न पगले! तू इंसान बनने की कोशिश ना कर,उसकी तरह ना सोच, ना देख,यही … Read more

हालात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** प्रभात,चौवीस वर्ष का गोरा-चिट्टा, नौजवान। सर्वगुण सम्पन्न,खेलकूद, पढाई-लिखाई,गीत-संगीत,जैसी हर कला में दक्ष। अपने कोमल,शीतल,मन से हर किसी का लुभावना। हर किसी से घुल-मिल जाता,और फिर सबको ऐसा लगता कि उसका साथ ही सबसे प्यारा,अच्छा है।गत २५ दिसम्बर को अपने जिले की क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने महाराष्ट्र प्रान्त के … Read more

वृक्षारोपण

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** “अरे हरिया! तू यह क्या कर रहा है कल ही नेता जी ने यहां ढेर सारे पौधे लगा वृक्षारोपण का नेक कार्य किया है,ताकि हमारे गाँव में भी खूबसूरत हरियाली छा जाए और पर्यावरण शुद्ध रहे,देख अखबार में फोटो भी छपी है। एक तू है कि इन पौधों को उखाड़ने में तुला … Read more

गाँव से

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** निष्ठुरपुर गाँव में चार-पांच दिन से माहौल बहुत गर्म था। पंचायत भवन में गर्मी कुछ ज्यादा थी,यह आस-पास के चार-पांच गाँव की संयुक्त पंचायत थी। बार-बार सरपंच पर पंचायत बुलाने का दबाव था। अंततः उन्होंने आज पंचायत बुला ही ली,मुद्दा था-महानगर से विस्थापितों का आगमन।पंचायत का निर्धारित समय आया तो … Read more

जैसा भगवान चाहें

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ********************************************************************** “बापू प्यास लगी है। मेरा गला सूखा जा रहा है। अब मुझसे,चला नहीं जा रहा है।”छ:साल की बेटी,अपने पिता को डबडबाई ,आँखों से कातर स्वर में कहती है। उसके पिता नन्हीं बेटी को,सांत्वना और भरोसा देते हैं कि-“बिटिया बस सामने झोपड़ी दिख रही है। वहां हमें पीने के लिए … Read more

काँटे की रवानगी

मीरा जैन उज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** “क्यों री रमिया! आज बहुत खुश नजर आ रही है शायद ‘तालाबंदी’ के चलते ४० दिन की छुट्टियां तूने घर में बड़े आराम से गुजारी है इसीलिए आज चेहरा इतना खिला हुआ है ?” रमिया ने दुगुने उत्साह से चहकते हुए कहा- “मेम साहब! बात दरअसल यह है कि बरसों से … Read more

फर्ज की जीत

डॉ.हरेन्द्र शर्मा ‘हर्ष’ बुलन्दशहर (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************** ‘कोविड-१९’ के अलग-थलग (आईसोलेशन) वार्ड में ‘कोरोना’ के रोगियों को चार्ट के अनुसार दवाई देती स्टॉफ नर्स त्रिशला का मोबाइल फोन अचानक जोरों से घनघना उठता है…इससे उसकी ध्यानतन्द्रा भंग हो जाती है। मरीजों को जल्दबाजी में ही दवाई देकर वह,स्टॉफ रुम में आकर मोबाईल में पति जितेश की … Read more

चींटियों का सबक

अलीशा सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ********************************************************************************* गर्मी के दिन थे,बहुत मेहनत करने के बाद चींटियों ने अपने लिए एक घर बनाया। अपनी रानी के लिए उस घर के बीचों-बीच एक सुन्दर-सा महल बनाया। उसके आसपास छोटी-छोटी गलियों में प्रजा के लिए घर बनाया। बच्चों के खेलने के लिए एक बाग़ भी बनायाl इतना ही नहीं,एक बड़ा-सा … Read more