उम्मीद

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** आज फिर सोमेश बाबूजी डाक घर के सामने उदास बैठे दिखे। डाक बाबू ने उन्हें अंदर बुलाया और कहा,-“बाबूजी,आप दो बरस से डाकघर बिना नागा किये आ रहे हैं। आखिर वो कौन- सी चिट्ठी है,जिसका आपको आने का इंतजार है ?आप रोज चार किलोमीटर पैदल चलकर डाकघर आते हैं और थककर … Read more

अपना खयाल रखना

सविता सिंह दास सवि तेजपुर(असम) ************************************************************************* फोन की घंटी बजते ही निक्की रसोई से अपना हाथ पोँछती हुई भाग कर आई “हेल्लो!” हाँफते हुए निक्की ने ने कहा,-अरे इतना हाँफ क्यों रही हो ?” उधर से आवाज आई । “जी कुछ नहीं, किचन से भागकर आई,मुझे लगा आपने ही फोन किया होगा।” कुछ सामान्य होकर निक्की … Read more

विभाजन की रेखाएँ

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** कुण्डलपुर गाँव में आज एक ही चर्चा थी-सेठ धनपत राय के चारों बेटे ने अपना अपना हिस्सा ले लिया। सेठजी की धन-दौलत,मकान-दुकान,सोना-चाँदी का आज बँटवारा हो गया। छोटे से लेकर बड़ों तक गाँव के लोगों में बस एक ही चर्चा थी। नाई की दुकान पार मंदिरों की धर्मशालाओं में,चौपालों पर सबके … Read more

मैं तुमसे प्यार करता हूँ…

वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************ अक्सर मैं सुनती हूँ लोग कहते हैं कि मेरे पति ने मुझे कभी ‘आई लव यू’ नहीं कहा…मेरे पति ने भी मुझ से कभी ‘आई लव यू’ नहीं कहा…और मुझे इसकी कभी दरकार भी नहीं रही…बात पिछले साल की है,मैं अपने पति के साथ उज्जैन महाकाल बाबा के दर्शन को गई … Read more

जरिया

डॉ.हरेन्द्र शर्मा ‘हर्ष’ बुलन्दशहर (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************** चार माह गुजर चुके थे,इस चौकी पर आये, मगर अभी तक पुलिस चौकी के इलाके में पूर्णतया शान्ति कायम थी। कहीं से भी किसी अशुभ वारदात की कोई सूचना अब तक प्राप्त नहीं हुई थी। इससे पुलिसकर्मियों का चिन्तित होना लाजिमी था। चार महीने से आमदनी का जरिया जो … Read more

समाजसेवा

वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* सारा हॉल लोगों से भरा हुआ था। संभ्रांत परिवारों की महिलाओं द्वारा सामाजिक उत्सव मनाया जा रहा था। पीछे किसी प्रतिष्ठित संस्था का बैनर लगा था। पूरे हॉल में रौनक बिखरी पड़ी थी। उच्च परिवार की कुछ महिलाएं पर जमकर नाच रही थी। चंदा देकर अधिकारी बने लोग आगे की … Read more

सोच

वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* गरीब सोहन की फुटपाथ पर मोची की एक दुकान थी। सारा दिन धूप में बैठकर जूते सुधारता। इसी से उसकी रोजी-रोटी चलती। वहां बैठे-बैठे शहर के सारे नजारे देखता रहता। आए दिन देखता रहता कि शहर की दीवारों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगते रहते। कभी किसी चुनावी दौर के नेताओं के,तो … Read more

अपना घर

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** बहुधा हिंदू समाज में लड़कियों को यह बात घुट्टी में पिला दी जाती है,- “ससुराल ही उनका असली घर है।” मंजरी भी यही घुट्टी पीकर अपने ससुराल आई थी। थोड़े दिन बाद उसने अपने पति से पूछा,-“मेरा घर कहां है ?” कौशल ने उसे समझाते हुए कहा,-“मेरा नहीं,हमारा घर। यह … Read more

खो गया समय

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** “हैलो,हाँ यार अनिल,मैं शहर पहुँच चुका हूँ। तुम कहाँ हो ?” राजेश अपने मित्र को फोन पर पूछ रहा था। कई वर्षों बाद वह किसी काम से भिलाई आया था। इसी शहर में उसने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। यहां वह हॉस्टल में रहा, पर उसके बहुत सारे मित्र इसी शहर … Read more

एक भारतीय

ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाश नीमच(मध्यप्रदेश) ************************************************ अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. वह रेलवे स्टेशन से लौट कर माथा पकड़ कर बैठ गया-“अब मैं वहां नहीं जाऊंगा,” कहकर उस ने उल्टी कर दी। ”क्या हुआ ?” मोहन ने कहा,-”बापू आए।” ‘नहीं’, केशव बड़ी मुश्किल से कह पाया,-”रेलगाड़ी पूरी खून से लाल-लाल रंगी हुई है। कहते हैं कि हमारा गांव … Read more