सुखी जीवन
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सुखी वही जीवन है जिसमें माँ-बापू का प्यार मिले,उनका आशीर्वाद मिले और पत्नी की मनुहार मिले।स्वर्ग वही घर जिसमें बेटी-बेटों की किलकारी हो,घर के आँगन की बगिया में प्यारे-प्यारे फूल खिले। संतोषी जीवन हो सारा नहीं कोई आपा-धापी,खाने को दो रोटी हो बस खुशियों का संसार मिले।आज्ञाकारी पुत्र-पुत्रियाँ,दादा-दादी का हो प्यार,देश-गाँव … Read more