रखना अटल विश्वास

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** हर कदम पर मुस्कुराना होगा,पर्वतों में भी मार्ग बनाना होगा। कठिन होता नहीं कुछ सोच लो,जिंदगी चलती है थोड़ी मौज लो। अटल विश्वास मन में रखना है,प्रेम का जो वास मन में रखना है। गीत हर हाल में तो गाना होगा,हर कदम पर मुस्कुराना होगा। मंजिलें कितनी भी दूरी … Read more

नन्हीं किरण

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** सूर्य से निकली,नन्हीं किरण,देती जो बदल,है पर्यावरण। भोर भुरारे की छवि न्यारी,दिन में दिनकर धूप प्यारी। करते रौनक न्यारी न्यारी,भोर दोपहरी शाम सुखारी। सूर्य से जगमग है आवरण,सूर्य से निकली नन्हीं किरण…॥ निर्मल रूप किरण की काया,सूरज से प्रकाश जग छाया। पहली किरण भूमि पर आती,प्रकृति अलंकृत भू हो … Read more

जीवन एक पतंग

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** जीवन एक पतंग समान,डोरी टूटी,गया आसमान। चलते जीवन की मर्यादा,मन में बसता लाख इरादा। कितने जीते अरमानों में,लुटते कितने अनजाने में। मौसम भी है जो बेईमान,जीवन एक पतंग समान। स्वर्ण वर्ण है कंचन काया,अद्भुत रूप जगत में पाया। टूटी डोर समझ नहीं पाया,जीवन में क्या मोड़ दिखाया। देह रह … Read more

इंसानियत

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** इंसान बने इंसान का सहायक,वही सच्चा इंसान हैजो सम्मान बांटता जग में,वो पाता सम्मान है। धैर्य और सज्जनता से जो,जीवन यापन करते हैंदु:ख-दर्द भाँपते औरों के,वो प्रेम स्थापन करते हैं। सबके हित में हरदम रहते,करते काम महान हैंइंसान बने इंसान का सहायक,वही सच्चा इंसान है। जीवन के दस्तूर निभाकर,आत्मबल … Read more

मन की लहरें

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** समुद्र से बढ़कर हैं,जो मन की लहरें…बदलती पल-पल हैं,जो मन की लहरें। क्षण में बदल जाती,सोच यों ही मन की…कुछ बनती है पल में,सोच यों ही मन की। कुछ सोच बिगड़तीं,जो मन की लहरें…समुद्र से बढ़कर हैं,जो मन की लहरें। इंसान को पता क्या,कि होना क्या है…हँसी ढूंढते थे … Read more

हर ऋतु से जुदा वसन्ती

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. महक रही चहुंओर पवन,ऋतुराज वसंती ऋतु आई।नित रोज़ खिले,उपवन माहीं,हरियाली चहुंओर दिखाई।तितली झूमत मधुकर चूमत,रस खींचत पुष्पन इठलाई॥ रंगीन पुष्प सुन्दर सोभित,है चमन क्यारी महकाए।हर ऋतु से जुदा वसन्ती ऋतु,मौसम की शोभा दर्शाए।है कैसी ऋतु यह मस्तानी,धारा धाम सब महकाए॥ सब ऋतुओं से जुदा … Read more

नम्रता

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** नम्रता मानवी जो गुण है,ग्रहण करो,ये सदगुण है। प्रेम भाव मन में जो रखते,नम्रता से सबको परखते।सदाचार से जीतते मन को,सदा मोहते सबके मन को।सदाचार मानता गुण है,ग्रहण करो,ये सदगुण है॥ परहित में कुछ कर लो काम,हो जाएगा जग में तेरा नाम।धीरज धर्म-कर्म और पूजा,सत्य अहिंसा सदगुण दूजा।सत्य कर्म … Read more

व्यवहार का ज्ञान-आचरण है हिन्दी

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** हिंदी भाषा हमें ज्ञान विवेक और भावपूर्ण आचरण व्यवहार का ज्ञान कराती है। हिंदी भाषा के ग्रंथों में ज्ञान की शिरोमणि अगणित लुकी-छुपी सी स्पष्ट नजर आती है,जो हिंदी भाषा को पढ़ता है,वही इन तथ्यों का अर्थ समझ सकता है।हिंदी भाषा हमेशा सभी भाषाओं से अलग पहचान बनाने वाली … Read more

मन के सपने

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)********************************************** पूरे होना मुश्किल मन के सपने,वायु वेग से बढ़ते मन के सपने। मन होता है मानो एक समुंदर,लाख वासना जिसके अंदर। एक पूर्ण हो बस दूसरी इच्छा,वृद्ध जवान चाहे हो बच्चा। जीवन जाता न सजते सपने,पूरे होना मुश्किल मन के सपने। मनमानी करता है जो मनवा,चले चाल मस्तानी जो … Read more

काश!

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** काश! प्यार करने वाले मोम के बने होते, पिघल कर एक दूसरे में मिले तो होते, काश! सदा एक ही डाली के फूल होते, काँटों के बीच गुस्ताखी से खिले तो होते, काश! तोड़ देते जमाने की बेदर्द बेड़ियां, पत्थरों से कठोर दिल कुछ हिले तो होते, काश! ना होती … Read more