वो नाचती थी ?

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `विश्व नृत्य दिवस` २९ अप्रैल विशेष.... जीवन की, हकीकत से अनजान। अपनी लय में, अपनी ताल में हर बात से अनजान। वो...नाचती थी ?…

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उम्मीद

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** जिंदगी उम्मीद पर टिकी है, परेशानियां... कितनी भी आ जाए। आने वाली हर खुशी की, उम्मीद पर टिकी है॥ जिंदगी उम्मीद पर टिकी है,…

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रफ़्तार बनती हैं बेटियाँ

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** जीवन में झंकार, बनती है बेटियाँ। एक लय-एक ताल, बनती है बेटियाँ। जिंदगी चाहे जैसे भी, चलती रहे। जिंदगी की एक, रफ्तार बनती है…

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होम्योपैथी:प्रयोग नहीं,विज्ञान

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** `विश्व होम्योपैथी दिवस’ प्रत्येक वर्ष १० अप्रैल को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। होम्योपैथी के आविष्कारक डॉ. हैनीमैन की जयंती `विश्व होम्योपैथी दिवस`…

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जीवन का हर सत्य राम से है

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** मर्यादा का कीर्तिमान राम से है, त्याग का अमिट उदाहरण राम से है। मैं कैसे न गर्व करूँ, मैं वंशज हूँ राम का... जीवन…

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जब तक संतुलित साथ रहेगा…

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति और मानव का, जब तक संतुलित साथ रहेगा। जीवन की धारा का, निरन्तर तभी तक विस्तार रहेगा। कद्र…

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किताबें भी दिमाग रखती हैं

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं। जिंदगी के, अनगिनत हिसाब रखती हैं। किताबें भी, एक दिमाग रखती हैं... किताबें जिंदगी में, बहुत ऊंचा मुकाम…

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समर्पित जीवन की रवानी ‘नारी’

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अपने-आप में, एक सम्पूर्ण कहानी इसी का नाम है नारी। जीवन की संवेदना, मर्म की मूक निशानी। भाव-मय, ममता-मूरत। समर्पित जीवन की रवानी, इसी…

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कौन…!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** अनगिनत लहरें आती हैं, बहा के मुझे अनंत में ले जाती है। यह कौन...? उस शून्य से पुकारता है...मुझे, यह कौन...............? उस राह से…

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कौन-सा रंग!

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** कान्हा... तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं! सूरज की, लाली को हाथों में भर, गालों को भर जाऊं। कान्हा, तुम्हें कौन-सा रंग लगाऊं!! या फिर काले-काले…

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