बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए! शर्मा बाबू लाल,करो मत मानस गँदला! लेते देते हानि,सखे दु:ख दायक बदला! दुनिया- दुनिया मतलब की हुई,स्वार्थ भरा संसार! धर्म सनातन की सखे,बिकती सीख उधार! … Read more

प्रकृति को बचाना सबसे बड़ा कर्तव्य

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. मचाया प्रकृति ने जब हाहाकार, सारे उपाय हुए मानव के बेकार। संभल जा ओ! मानव… ऐ! मानव मत सताया करो इस प्रकृति को, इसी की गोद में बैठ कर मत करो बर्बाद इसे। उठ जा अभी भी समय है तेरे पास, यह भी तेरी … Read more

यह श्रृंगार नहीं जाए

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्यारी पृथ्वी जीवन दात्री, सब पिण्डों में,अनुपम है। जल,वायु का मिलन यहाँ पर, अनुकूलन भी उत्तम है। सब जीवों को जन्माती है, माँ के जैसे पालन भी। मौसम ऋतुएँ वर्षा,जल,का करती यह संचालन भी। सागर हित भी जगह बनाती, द्वीपों में यह बँटती है। पर्वत नदियाँ … Read more

जब तक संतुलित साथ रहेगा…

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति और मानव का, जब तक संतुलित साथ रहेगा। जीवन की धारा का, निरन्तर तभी तक विस्तार रहेगा। कद्र मानव जब तक प्रकृति की, नहीं करेगा। तब तक आपदाओं का, ऐसे ही मचता हाहाकार रहेगा। प्रकृति और मानव का, जब तक संतुलित साथ रहेगा… … Read more

‘कोरोना’ को जल्द भगाना है

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** आया है भयंकर दौर, फैली है यह बीमारी जकड़ में जिसकी है पूरा विश्व, कहलाए वो ‘महामारी।’ ‘कोरोना’ है यह बीमारी, जिसने फैलाया है अपना जहर, चिंतित है पूरा विश्व, फैला है चारों ओर कहर। पीड़ित है मानव जाति, संकट बहुत बड़ा आया है बने हैं गुलाम आज फिर, रोगी मन … Read more

प्रकृति की व्याकुलता

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. एक शाम प्रकृति को देखा, मैंने गुमसुम-गुमसुम। रहा ना गया,बोल पड़ी मैं- “हे! प्रकृति बावरी, क्यों है उदास री ? होंठों पर संत्रास लिए, आँखें कहने को उतावली। पंच महाभूत तेरे अधीन, फिर क्यों व्यतिरेक ? तू प्राणदायिनी, शक्तिशालिनी, जीवन का आधार विधाता का पावन … Read more

बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए! शर्मा बाबू लाल,करो मत मानस गँदला! लेते देते हानि,सखे दु:ख दायक बदला! दुनिया- दुनिया मतलब की हुई,स्वार्थ भरा संसार! धर्म सनातन की सखे,बिकती सीख उधार! … Read more

आचरण रखें मर्यादित

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** मानव द्वारा मर्यादा की जब,सीमा लाँघी जाती है, करने मर्यादित पुनः उसे प्रकृति दायित्व निभाती है। भय बिनु प्रीत नहीं,वो जाने दण्ड बिना कब मानव माने ? जब,अति बहुत हो जाती है वो,अपना धर्म निभाती है। करने अनुशासित मानव को फिर,रौद्र रूप दिखलाती है, जो,नेह से पालन करती थी … Read more

‘कोरोना’ को दूर करो ना

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** एक-दूसरे के संपर्क में आने से डरो ना, सबमें स्वच्छता का संदेश भरो ना। हाथ ना मिलाने के बजाय ‘नमस्ते’ करो ना, स्वयं ही खुद और अपनों का ध्यान धरो ना। भ्रम-भ्रांति को दूर कर कुछ नियम अपनाओ ना, छोटे-छोटे प्रयास से कोरोना को हराओ ना। ना घूमना-फिरना,ना बाहर … Read more

बच के रहो

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* आया `कोरोना`, मचा हड़कम्प- कुछ करो नाl बच के रहो, रोग खतरनाक- है महामारीl धोइए हाथ, हमेशा साबुन से- करो सफाईl सफर बंद, सभाएं स्थगित- काॅलेज बंदl करो प्रणाम, दूर से ही सबको- गले न मिलोl परिचय-दीपक शर्मा का स्थाई निवास जौनपुर के ग्राम-रामपुर(पो.-जयगोपालगंज केराकत) उत्तर प्रदेश में है। आप … Read more