दलितों के घर भोजन

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* चार लोग कंधे पर एक शव ले जा रहे थे,तभी वह अचानक बोल उठा-“अरे!! आप लोग मुझे कहाँ लेकर जा रहे हैं।” उनके पीछे चल रही भीड़ डर गयी,यमदूत भी सतर्क हो गया-“ये लोग तुम्हें श्मशान ले जा रहें हैं,अब तुम अपने जीवन की अंतिम यात्रा पर हो।” यमदूत ने … Read more

मैं मन हूँ

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मैं मन हूँ विचारों का-भावों का, परिचायक हूँ खुशी का घावों का इच्छा,जीवन गति का जनक हूँ, मैं ही शांति हूँ-में ही भटक हूँ। मैं ही चेतन हूँ-अविनाशी हूँ, सब प्राणियों में मैं सर्वव्यापी हूँ मैं शाश्वत हूँ-न सोता-जागता हूँ, बस चलना मेरा काम-भागता हूँ। जो मुझे जान लेता … Read more

सुख की खाई को है पाटा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* आज समस्या हुई अनेक, कैसे हो अब निराकरण आओ मिल-जुलकर करें, स्वच्छ चहुँ दिशि पर्यावरण। निर्मलता से वृक्षों को काटा, सुख की खाई को है पाटा दूभर हो अब जीव भरण, जब शुष्क हुआ पर्यावरण। हरियाली का ह्रास हुआ, वृक्षों का विनाश हुआ शुद्ध वायु के अभाव में, दूषित सबकी … Read more

वट पूजा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वट सावित्री पूज कर,जो रखती उपवास। धन्य धन्य है भारती,प्राकत नारी आसll ढूँढे पूजन के लिए,बरगद दुर्लभ पेड़। पथ भी दुर्गम हो रहे,हुई कँटीली मेड़ll पेड़ सभी हैं काम के,रखना इनका ध्यान। दीर्घ आयु होता सखे,वट का पेड़ महानll पुत्र सरीखे पालिए,सादर तात समान। फूल छाँव फल दे यही,ईंधन काष्ठ प्रमानll … Read more

राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ.मोनिका शर्मा सम्मानित

दिल्ली। १९ मई को हिन्दी भवन में भारत उत्थान न्यास और वागीश्वरी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। शिक्षा और साहित्य पर विभिन्न विद्वानों के वक्तव्यों के साथ साथ पद्मश्री रमाकांत शुक्ला ने परिष्कृत,ओजस्वी,अनुभवी और संस्कृत निष्ट वक्तव्य देकर सबको प्रफुल्लित किया। कार्यक्रम में लेखिका डॉ.मोनिका शर्मा को विशिष्ट अतिथि का सम्मान देकर सम्मानित … Read more

चार कुत्ते

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** तीन कुत्ते आपस में बात कर रहे थे,चौथा कुत्ता चुप था। पहला कुत्ता बोला, -“तू चुप क्यों है,तेरा मालिक तो तुझे अपने बच्चे की तरह प्यार करता है। बढ़िया खाना खिलाता है।” दूसरा कुत्ता बोला,-“मेरा मालिक तो कंजूस है,पर मालकिन अच्छी है। मालिक से चुपचाप छिपाकर मुझे अच्छा खाना खिलाती … Read more

भाईचारा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हार-जीत का वोट युद्ध था, कोई जीता-कोई हारा। दल दलदल को भूल सखे अब, अपना लो भाईचारा। जीत किसी की नहीं चुनावी, यह तो जनमत जीता है। राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है। देख रहा है जग सारा। हार नहीं है यह विपक्ष की, यह तो बस गठबंधन हारा। जाति-धर्म अरु क्षेत्रवाद … Read more

नई उड़ान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बहुत दिनों के बाद आज फिर, लिखने का मन करता है। जीत-हार की बातें करतें, अब भी मन डर छलता है। जीत नहीं यह मोदी की है, न हीं कमल निसान की। देश-विदेशी गत घावों को, मत का मल्हम भरता है। जीत किसी की नहीं जीत यह, भारत के मतदाता की। … Read more

जीवन में माधुर्य लुटाये,वो कविता होती है

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** शब्दों का मधुर गुंजन कविता होती है, भावना की अभिव्यक्ति कविता होती है। छन्द मात्रा लय ताल सुर कविता होती है, जीवन में माधुर्य लुटाये वो कविता होती है। प्रकृति का अतुलित आनन्द कविता होती है, संघर्षों में विजय दिला दे वो कविता होती है। सत्पथ पर सबको चला दे वो … Read more

रूप और स्वभाव

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* रूप से भी अत्यधिक सम्मान है स्वभाव का, रूप है बेकार-सा अभाव यदि इस भाव का। रूप नश्वर है जगत में स्वभाव ही अमृत है, नेह यदि है मनुज में,अमर उसका सत्व हैll नेह चक्षु लब्ध हो तो कुरूप सुंदर रूप है, नेह धन का धनिक मानव रंक ही कर … Read more