लौट पिया जल्दी घर आना

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)***************************** काव्य संग्रह हम और तुम से रचना शिल्प:सरसी छंद विधान- १६ + ११ मात्रा,पदांत २१(गाल) चौपाई+दोहा का सम चरणबीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल गा लेंगे गीत। खेत फसल सब हुए सुनहरी,कोयल गाये फाग।भँवरे तितली मन भटकाएँ,हम तुम छेड़ें राग। घर आजा अब प्रिय परदेशी,मैं करती फरियाद।लिख कर भेज … Read more

खून की मांग

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सुभाष चंद्र बोस जयंती (२३ जनवरी)विशेष…. ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।सुभाषचंद्र बोस ने आज़ाद,भारत का निर्माण किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।कौन…भुला पाएगा,मातृभूमि के सपूत ने…जो किया।होकर खड़े अकेले,‘आजाद हिंद’सेना को साकार किया॥ ‘खून मांग’ कर आजादी के,सपने को साकार किया।भीख में नहीं मिलती आजादी,जीवन … Read more

सँभल-सँभलकर चलना होगा

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* जो हम चाहें सुखमय जीवन,विपत-कसौटी कसना होगा।ज़िन्दगी है राह काँटों भरी,सँभल-सँभल कर चलना होगा॥ जीवन तुला पर फूल और काँटे,काँटों का पलड़ा भारी बहुत।हम तो दूर रहें इनसे पर,इनको हमसे प्यार बहुत।पलकों से ही इन्हें हटाकर,आगे हमें निकलना होगा॥ज़िन्दगी है राह… दु:ख-दर्दों के चौराहे पर,झूठे सुख के दर्शन मिलते।दो दिन की … Read more

तुमसे दूर

सवि शर्मादेहरादून(उत्तराखण्ड)**************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तुम्हारी ठोकरों से टूट गए थे दिल की वीणा के तार,झनझना कर बिखरे थे पाँव की पायल के मोती जो टूटतेआशा बिंदु से मेरी आँसूओं की लड़ियाँ समेटे घर के जाने,किस कोने के घोर सन्नाटे में जाकर समाहित हो गए। शनैः-शनै: तुम्हारा ये क्रम रोज़ का, पाषाण-सा … Read more

वेदना या प्यार हो!

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* काव्य संग्रह हम और तुम से… तुम विरह की वेदना हो या मिलन का प्यार हो,सजल नयन घन-घटा हो या प्रथम अभिसार हो। तुम चुभन हो या कसक हो या सुगंधित गंध हो,तुम तपन हो या जलन हो या पवन स्वच्छंद हो। तुम संकुचित छाँव हो या चमकती धूप हो,टूटती लौ … Read more

फूलों की पहली भेंट

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से…. मैंने लगा दियाएक नन्हा-सा फूल का पौधा।जो फूल तुम्हें बहुत पसंद था,उसकी महक वैसी ही होगीजैसी तुम्हारी ख़्वाहिश थी,अब ऐसे ही अनेक पौधे लगाऊँगा।सब बड़े होंगे,सब खिलेंगे,उसकी महक दूर-दूर तक जाएगी।जहाँ तुम हो,वहाँ तक जाएगी।तब मेरे हाथ की दी हुईफूलों की पहली भेंट,तुम्हें जरूर … Read more

रूह से रूह तक

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** रूह से निकलती हैजब ‘आह’,शब्दों को मिल जाते हैं अर्थ-बन जाती है कविता। शब्दों की ध्वनि सेकविता में ढलता है गीत,आत्मा में मिलकर-बन जाता संगीत। संगीत में जब लयआरोह-अवरोह में मिल,बनती है सृजन-लय में आ जाता कम्पन। कम्पन से हिल उठतेमन-वीणा के तार,वीणा के तार करते सम्मोहित-मन से मन के तार। मंत्र-मुग्ध … Read more

बेकाम रुपए-पैसे

डॉ.अनुराधा शर्माइंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से… ज़ेहन के खाली घर में,तुम आ बसी हो ऐसे,खुशबू-ए-रातरानी,मदहोश महकती हो जैसे। परछाई पुतलियों में,नज़रों की नज़र-बंदी,पलकों को खोल पल को,जाओगी बोलो कैसे ? अब्रों के नरम अर्श में,बर्फ़ गर्म चमकी,ज़ुल्फों की काली शब में,तारों की मांग तैसे। मोजों का समंदर मैं,चेहरा तेरा पूनम-सा,है ज्वार मोहब्बत का,हुस्नो-शबाब … Read more

दिल भुलाने लगा है

निक्की शर्मा `रश्मि`मुम्बई (महाराष्ट्र)********************************************* मेरी आँखों में ख्वाब तेरा देखो चहकने लगा है,कैसे कह दूँ मैं शबाब अब तेरा महकने लगा हैl दिल में मैं हूँ तेरे भी,बातों से पता चलने लगा है,होश भी नहीं अब तुम्हें तेरा दिल तड़पने लगा हैl खामोश था जो दर्द दीवारें देखो सँवरने लगा है,जहाँ मातम था बिखरा यादों … Read more

जिंदगी में…यह साल

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ यह साल,बहुत ख़ास रहाजिंदगी की कड़वी यादों में,मीठी बातों का भी स्वाद रहाl यह साल बहुत ख़ास रहा,किन भरम में जी रहे थेआज तक…?उनसे जब,आमना-सामना हुआक्या कहूं…!जिंदगी में,इस साल,तुज़र्बों का एक काफ़िला-सा रहाlयह साल बहुत ख़ास रहा… कुछ के चेहरे से नकली नकाब उतरे,कुछ को छोड़कर,हर चेहरा दागदार रहाकुदरत ने हर … Read more