समाजसेवा
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* सारा हॉल लोगों से भरा हुआ था। संभ्रांत परिवारों की महिलाओं द्वारा सामाजिक उत्सव मनाया जा रहा था। पीछे किसी प्रतिष्ठित संस्था का बैनर लगा…
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* सारा हॉल लोगों से भरा हुआ था। संभ्रांत परिवारों की महिलाओं द्वारा सामाजिक उत्सव मनाया जा रहा था। पीछे किसी प्रतिष्ठित संस्था का बैनर लगा…
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* गरीब सोहन की फुटपाथ पर मोची की एक दुकान थी। सारा दिन धूप में बैठकर जूते सुधारता। इसी से उसकी रोजी-रोटी चलती। वहां बैठे-बैठे शहर…
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* यादों का पिटारा पुराना वो पुरानी खाट,वो चाची की डांट। वो बात-बात पर पापा की, की बातें मोटी-मोटी। वो माँ के हाथों की चोटी, वो…
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* ८ साल का चीनू अक्सर गर्मी की छुट्टियों में अपने दादाजी के यहां रहने आता। दादाजी तो मानो उसके बेस्ट फ्रेंड हैं,उन्हें भी बड़ी बेसब्री…
वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** जिंदगी की इस किताब को पढ़ रही हूँ नित्य मैं, पर न अक्षर एक भी मेरी समझ में आ रहा, खो गयी पन्नों में मैं…
वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… उस दिन प्रसव पीड़ा से गुजरते हुए... बंद पलकों और अधरों से बहते.. कष्ट में छाया था, बस एक ही चेहरा...…
वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… सम्मान करो,तुम वसुंधरा का, जिसने हमको जीवनदान दिया है। मत भूलो तुम उसके ऋण को जिसने वायु-प्राण दिया है, सम्मान…
वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धन्य है धरा की धीरता को.., जहाँ जीवन कलकल बहता है.. सींचता हुआ जड़ी-बूटी,वनस्पति, धान्य एवं धमनियों को.. पेड़ों से…
वन्दना शर्मा अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** त्योहार 'हार' हैं मेरी मातृभूमि का, परिचय हैं मेरी संस्कृति का। सभ्यता के वाहक हैं त्योहार, त्योहारों से गुँथी है अनेकता में एकता। त्योहारों में…
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी वंंदना मोदी गोयल जी का २४ मार्च को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..