कुल पृष्ठ दर्शन : 240

You are currently viewing सरेआम लुटी कमल नाथ की दुल्हन सरकार

सरेआम लुटी कमल नाथ की दुल्हन सरकार

नवेन्दु उन्मेष
राँची (झारखंड)

*********************************************************************

कवि गोपाल सिंह नेपाली ने लिखा है- ‘बदनाम रहे बटमार मगर घर तो रखवालों ने लूटा,मेरी चाँद-सी दुल्हन रातों को नौ लाख सितारों ने लूटा।’ लगता है कि इसी का अनुसरण करते हुए मध्य प्रदेश में कमल नाथ की दुल्हन सरकार को घर के लोगों ने ही लूट लिया और कमल नाथ का कमल होली के दिन ही तालाब में मुरझा कर गिर गया। कांग्रेस के आला नेता आला लेकर ‘कोरोना’ वायरस होने की जांच करते रहे। वे सोच रहे थे कि सरकार की दुल्हन को कोरोना वायरस लग गया है और वे इस वायरस का इलाज आसानी से कर लेंगे,लेकिन उसे कोरोना वायरस नहीं,बल्कि होली वायरस लग गया था। इस वायरस का इलाज करने में कांग्रेस के बड़े-बड़े चिकित्सक फेल रहे और दुल्हन बीमार पड़ी रही।
घर के रखवाले भी दूसरे दल में जा चुके हैं। अब बूढ़े कांग्रेसी उन्हें गद्दार बता रहे हैं। कह रहे हैं कि अगर घर की दुल्हन सरकार को घर के लोग ही लूट ले गये तो हम क्या कर सकते हैं। वैसे पहले ही कवि नागार्जुन ने लिख छोड़ा है-‘लाज शर्म रह गयी न देखो गांधी जी के चेलों में।‘ जाहिर है अब गांधी जी के वे चेले तो रहे नहीं जिन्हें वे नसीहत देकर गये थे कि-‘बुरा न देखो,बुरा न सुनो और बुरा न बोलो’,लेकिन अब तो उनके चेले उनके विचारों के ठीक विपरीत सारा काम कर रहे हैं। वे बुरा बोल रहे हैं,बुरा देख रहे हैं और बुरा सुन भी रहे हैं। यहां तक कि घर का भेदिया लंका ढहाने का काम भी कर रहे हैं। यहां तक कि अपने घर की दुल्हन सरकार को सरेआम लूट भी रहे हैं।
विधायकों का कारवां कर्नाटक में ‘नाटक’ कर रहा था,क्योंकि कर्नाटक का मतलब ही है ‘कर नाटक।‘ कहा जा सकता है कि देश की सबसे बड़ी नाट्यशाला कर्नाटक में ही खुल गई है,जहां विधायकों को दुल्हन सरकारों को लूटने के नाटक करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
आजादी के ठीक बाद कभी राजगोपालाचारी ने कहा था-‘कांग्रेस माँ के समान है और अन्य दल नई-नवेली दुल्हन की तरह है।‘ तब एक विरोधी दल के नेता ने कहा था-‘अगर जनता दूध पीती बच्ची होगी तो माँ को चुनेगी और अगर जनता युवा होगी तो नई-नवेली दुल्हन को चुनेगी।‘ जाहिर है अब युवाओं का जमाना है। युवा नेता माँ को नहीं,नई-नवेली दुल्हन को चुन रहे हैं। इसीलिए नई-नवेली दुल्हन सरकार की सरेआम लूट हो रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी लग रहा था कि अब माँ के पास रहने से अच्छा है नई-नवेली दुल्हन की तलाश की जाए। आखिर वे राजनीति के युवा खिलाड़ी हैं और उन्हें भी एक दुल्हन सरकार की जरूरत थी,लेकिन कांग्रेस के बूढ़े लोग दुल्हन सरकार का मोह
बुढ़ापे में भी छोड़ नहीं पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस के युवा सिर्फ माँ का दूध पीते रहें और मजे बूढ़े नेता करते रहें। इन परिस्थितियों में अगर कोई युवा कांग्रेस नेता घर को ही लूट ले और दुल्हन सरकार को अपने पास रखने के लिए बेताब दिखे तो इसमें बुरा क्या है। आखिर युवा कांग्रेसियों को भी तो दुल्हन सरकार के साथ अवसर मिलना चाहिए।
ठीक होली के दिन दुल्हन सरकार कह रही थी कि ‘अंग से अंग लगाना सजन मुझे ऐसे रंग लगाना।‘ तब कांग्रेस के बूढ़े कांपती हाथों से दुल्हन सरकार को रंग भी नहीं लगा पा रहे थे। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुल्हन सरकार को ‘अंग से अंग’ रंग लगाकर लूट लिया तो कांग्रेस के बूढ़े नेता कह रहे हैं-‘कारवां गुजर गया,गुब्बार देखते रहे।’

परिचयरांची(झारखंड) में निवासरत नवेन्दु उन्मेष पेशे से वरिष्ठ पत्रकार हैंl आप दैनिक अखबार में कार्यरत हैंl

Leave a Reply