हिंदुस्तान हमारा है

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** जाग उठो ऐ वीर जवानों,हिंदुस्तान हमारा है।सबक सिखा दो अरि को रण में,जिसने भी ललकारा है॥ आँख नोंच लेना तुम उनकी,जो भी आँख लड़ाते हो।हाथ…

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अक्षर ज्ञान जरूरी

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** अक्षर ज्ञान जरूरी है,साक्षरता की यह धुरी हैसफलता का करता मार्ग प्रशस्त,जन-जन की मजबूरी है। अक्षर से चमकेगी किस्मत,यह ज्ञान की खूबसूरत रंगशाला हैमधुर मुस्कान बढ़ाने में,सबसे उन्नत खोज…

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कम योगदान नहीं रहा मण्डी के सेनानियों का

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आजादी का अमृत महोत्सव.... गुलामी की जंजीरों से मुक्ति का संघर्ष लगभग विश्व के अधिकतर देश समय- समय अपने-अपने ढंग से करते आए हैं और उसी…

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मालिक बनो मन के

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** खबर भी ना होती और, मन हमको छल जाता है,इल्म होने तक संभलने का, वक्त निकल जाता है। बड़ी तेज रफ्तार है मन की, पकड़ ना…

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तुम काम वाले हो

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* श्राद्ध पक्ष विशेष.... सादर नमन, कोटि नमन श्राद्ध पक्ष,पितृ गण को तृप्त करते, पितृ पक्ष। पिता पितामह को तर्पण करना है,बिन तर्पण किए जल नहीं पीना…

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ओ मानव! तू कितना ढोंगी

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* ओ मानव! तू कितना ढोंगी,ओढ़ चादर लोलुपता कीतू आगे बढ़ता जाता। अन्तर्मन की महत्वाकांक्षा को,मृदुल भावों का हार पहनायाप्रपंचों-आडंबरों का तू नित्यानंद,कैसे पल-पल समय गंवाता ?…

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जीत का तिरंगा फहराया डॉ. एन. के. सेठी और तारा चन्द वर्मा ने

इंदौर (मप्र)। मातृभाषा हिंदी के प्रचार की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा अगस्त में ५४ वीं स्पर्धा 'अपना सम्मान तिरंगा…' विषय पर आयोजित की गई। इस भव्य स्पर्धा…

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गणेशोत्सव पर हुई सरस काव्य गोष्ठी

मंडला (मप्र)। गणेशोत्सव के अवसर पर स्वतंत्र साहित्य मंच की भक्ति-भाव में पगी सरस काव्य गोष्ठी हुई। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि विजय सिंह चौधरी 'चाचा' ने की। मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार…

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जीवन का मेला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** धमाचौकड़ी जीवन पथ पर,चहुँ दिक मृगतृष्णा मेला हैभागमभागी चाह कश्मकश,फॅंस मानव जग अलबेला है। सत्ता पद आसन राह जटिल, लालच पथ ठेलम-ठेला है छल…

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‘हिंदी-हृदय-तरंग’ कार्यक्रम २४ सितम्बर को, होगी काव्य प्रस्तुति

नीदरलैंड्स। स्वाधीनता के 'अमृत महोत्सव' के अमर ऐतिहासिक पर्व व बाबा विनोबा भावे की इसी माह जयंती के उपलक्ष्य में प्रो.पुष्पिता अवस्थी के मार्गदर्शन में 'हिंदी यूनिवर्स फाउंडेशन (नीदरलैंड्स), वैश्विक…

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