चलो इस बार…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) **************************************************** यूँ बात-बात पर लड़ना-झगड़ना,छोटी-छोटी ख़ामियों पर तंज़ कसना।आँखें दिखा कर मेरा मुँह पलटना,गुस्से में तुम्हारा कभी घर से निकलना।पास रहकर दूरियां बहुत देख लीं-चलो इस…

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दृढ़ संकल्प अब करना होगा

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश)******************************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… धर्म के नाम पर दिलों में,क्यों नफरत फैलाते हो ?दो गज ज़मीन की खातिर,क्यों ज़मीर अपना गिराते हो ?अपने वर्चस्व की…

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अनजाने गुरुओं का आभार

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश)******************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. ये जरूरी नहीं है,कि जिन्होंने हमें पढ़ायासिर्फ वही हमारे गुरु हों,हमारी ज़िंदगी मेंऐसे बहुत से लोग आए,जो हमें बहुत कुछनया सिखा कर गए,क्या…

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स्त्री का अस्तित्व

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश)************************************************************ हर बार तुम मुझे,वस्तु की तरह समझते रहेक्या तुम नहीं जानते थे,कि मैं एक जीवात्मा हूँ।मेरे सीने में भी दिल है,फिर भी तुम मुझेवस्तु की तरह…

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बहते आँसू

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* 'कोरोना' का रोना, रोते इंसानों की आँखों से बहते आँसू, कह जाते हालातों को बिन बोले। तपती धूप में, प्यासे कंठ लिए पाँवों में छाले…

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तुम अनजान हो मेरी मनोव्यथा से

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ तुम अनजान हो मेरी मनोव्यथा से, जो तुम्हारे बिना होती है मेरी, उसे जीती हूँ मैं। मुझे याद आते हैं, वो सभी पल जो…

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जो कह दे मेरा दोस्त…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’  गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) ******************************************************************* आज भी सोच कर आती है अनभिप्रेत मुस्कान, जब यार की यारी से बढ़कर नहीं था कुछ महान। सही-गलत का भेद नहीं था,सोच की…

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‘तालाबंदी’ की कहानी बच्चों की ज़ुबानी

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ 'तालाबंदी' ने बदली ज़िंदगी हमारी, अब हम हुए लाचार हैं। शिक्षा पद्धति बदली, व बदले इसके आयाम हैं। नेट,मोबाइल,कम्प्यूटर के, अब हम गुलाम हैं।…

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आमजन का विश्वास जीतें सरकारी चिकित्सक

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ शासकीय स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं को अक्सर लोग नज़र अंदाज़ करते हैं,यथा-सरकारी अस्पतालों में जाने की बजाय 'नीम हकीम खतरा जान' के पास…

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तब तेरी याद बहुत आती है माँ

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. जब मेरा मन उदास होता है, कुछ समझ नहीं आता है... तब तेरी याद बहुत आती है माँ...l…

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