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‘माँ बिन’ पर प्रथम विजेता बने डॉ. गायत्री शर्मा और ललित गर्ग

स्पर्धा-परिणाम….

सपना सीपी साहू ‘स्वप्निल’ और प्रो. लक्ष्मी यादव को मिला द्वितीय स्थान

इंदौर (मप्र)।

मातृभाषा हिंदी के प्रचार की दृष्टि से हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा निरन्तर स्पर्धा का आयोजन जारी है। इसी क्रम में ६७ वीं स्पर्धा ‘माँ बिन’ विषय पर कराई गई। इसमें पद्य वर्ग में डॉ. गायत्री शर्मा और गद्य वर्ग में ललित गर्ग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। आपने बताया कि हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा पुरस्कृत एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान सहित ८ सम्मान प्राप्त १.५२ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पाने वाले इस मंच द्वारा हिंदी और रचनाशिल्पियों के उत्साहवर्धन हेतु लगातार स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का क्रम जारी है। इसी कड़ी में आयोजित उक्त स्पर्धा में निर्णायकगण ने पद्य वर्ग में प्रथम स्थान पर ‘काला टीका रोज लगाती माँ’ के लिए डॉ. शर्मा (छग) को प्रथम स्थान दिया है। इसी वर्ग में दूसरा स्थान ‘माँ जीवन विकल्प’ कविता पर सपना सीपी साहू ‘स्वप्निल’ (मप्र) ने प्राप्त किया है, तो तीसरे स्थान पर डोली शाह (असम) की रचना ‘माँ की पुकार’ है।
मंच की संयोजक डॉ. सोनाली सिंह, परामर्शदाता डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी (मप्र), मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल (छग) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

श्रीमती जैन ने बताया कि, स्पर्धा में गद्य वर्ग में ललित गर्ग (दिल्ली) की रचना ‘त्याग-प्रेम की पराकाष्ठा माँ’ उत्कृष्ट होने से प्रथम आँकी गई है, जबकि दूसरा विजेता बनने का अवसर ‘जननी बिन जीवन निरर्थक’ पर प्रो. लक्ष्मी यादव (महाराष्ट्र) को मिला है। तीसरे स्थान पर ‘माँ सवोर्परि’ आलेख हेतु गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ (राजस्थान) विजेता बनने में सफल रहे हैं।

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