राहे वफा में हरषो काँटे

आर.पी. तिवारी स्वदेश बांदा (उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** राहे वफा में हरषो काँटे, धूप जियादा साये कम। लेकिन इस पर चलने वाले, खुश ही रहे पछताए कमll राहे वफा में हरषो काँटे...…

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वो ख़त

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* अब वो ज़माने कहाँ रहे ? जब इंतज़ार रहता था डाकिये का बेसब्री से, उसकी साइकिल की घण्टी सुनकर धड़कता था दिल, कि लाया होगा…

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समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

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स्वाति-जिदंगी का चित्रण

तृप्ति तोमर `तृष्णा` भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* स्वाति इधर-उधर खिलखिलाती जैसे लहर, गुनगुनाती सरगम जैसे शाम और शहर। रिमझिम-रिमझिम जुगनू-सी जगमगाती-सी, चारों तरफ तारों भरी रात जैसे दिवाली-सा मंजर। अनगिनत खुशियों की…

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बहाने की बात ही और है जनाब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मेरे दौर में एक गाना गूंजता था,जो प्राण साहब पर फिल्माया गया था-"कस्मे- वादे प्यार-वफ़ा सब वादे हैं,वादों का क्या ?"। इसी तरह से…

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कहां सावरकर और कहां राहुल ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** हमारे आजकल के नेताओं से यह आशा करना कि वे नेहरु, लोहिया,श्यामाप्रसाद मुखर्जी,विनोबा,अटलबिहारी वाजपेयी और नरसिंहराव की तरह पढ़े-लिखे होंगे,उनके साथ अन्याय करना होगा। वे…

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बनते-बिगड़ते देखा

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** हमने देखा है तस्वीरों को, बनते और बिगड़ते। समय के साथ लोगों की, सोच को बदलते। क्या होते थे वो लोग, और क्या अब हो गए।…

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भारत माता की पुकार

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ऐ मेरे बच्चों जरा मिल-जुल के रहना सीख लो, भाई-भाई हो सभी, तुम प्यार करना सीख लो। तेरी इस माँ भारती को रौंदने आ…

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समाज में मनुष्यता के प्रतिस्थापक भगवान पार्श्वनाथ

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** सनातन धर्म की पावन गंगोत्री से निकले विभिन्न धर्मों में जैन धर्म भारत का सर्वाधिक प्राचीनतम धर्म है। चौबीस तीर्थकंरों की समृद्ध जनकल्याण की परम्परा,जो…

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इस बार ‘समागम` में `कर्मवीर` एवं डॉ. भीमराव आम्बेडकर का जीवंत दस्तावेज

भोपाल l मूर्धन्य कवि एवं प्रखर सेनानी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पत्रिका `कर्मवीर` के प्रकाशन के १०० वर्ष जनवरी २०२० में पूरे हो रहे हैंl इस अवसर पर डॉ. भीमराव…

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