सितारे टूटते तो जरूर हैं

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** शब्द मेरे...बेइन्तहा चुभते तो जरूर हैं, अपने भी यकीनन...झुकते तो जरूर हैंl जल-जल कर खाक बच जाती है उनकी, शोले भी कभी-कभी बुझते तो जरूर हैंl…

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यथार्थ छूने में कामयाब `मर्दानी-२`

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* निर्देशक-गोपी पुरथन की इस फिल्म `मर्दानी-२` में अदाकार-रानी मुखर्जी,विक्रम सिंह चौहान,श्रुति बापना, दीपिका अमीन और विशाल जेठवा हैंl #पहले छोटी चर्चा- गोपी ने `मर्दानी` लिखी थी,अब…

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छत्तीसगढ़ के असली जननायक रहे वीर नारायण सिंह

लक्ष्मीनारायण लहरे ‘साहिल’ सारंगढ़(छत्तीसगढ़) ************************************************************** छत्तीसगढ़ के इतिहास पर नजर डालें तो अलग-अलग समय में अलग अलग देशभक्त-सपूतों का जन्म हुआ,जो समाज और अपनी जन्मभूमि के लिए जिएl जिनके इतिहास…

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जागो नारी

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** महिला सुरक्षा बिल, महिला समता अधिकार, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ यंत्र नारीषु पूज्यंते, सब की निकली हवा बलात्कार का घिनौना, क्रम बढ़ता हुआ, महिला अधिकार…

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स्त्रियों के लिए एक बेहतर समाज बनाने की चुनौती को स्वीकारे पुरुष समाज

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** बीते दिनों हैदराबाद में जिस प्रकार एक संभ्रांत महिला पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत की गई,उसे सुनकर हर किसी की रूह कांप गई...इस नृशंस…

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तुम ही मेरे लक्ष्य हो…

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* तुम्ही मेरी मंजिल,तुम्हीं मेरे लक्ष्य हो, सभी कहते मुझसे तुम तो अलभ्य हो। मन ना ही समझे ना ही जग में उलझे, उर में बसाया…

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मेघालय में नारी-सत्ता,और सुरक्षित भी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जंगलराज से आदमराज में परिणत होती हुई दुनिया स्त्रियों को गौड़ बनाकर पुरुष प्रधान हो गई। समाज और धर्म के समस्त विधान पुरुषों के अहंकार…

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भय दूर करो

अविनाश तिवारी ‘अवि’ अमोरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************************ जब भय का हो आवरण, सड़को पे दुशासन दिखते हैंl तब लीलाधर की तर्जनी से, चक्र सुदर्शन निकलते हैं। आज भय में बेटी-माताएं, `निर्भया` भयातुर…

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चाय की चुस्की

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** सुबह-सवेरे उठकर देखा सूरज दादा बुला रहे हैं, "आँखें खोलकर देख तू बेटा पतीले में तेरे शून्य ब्रह्माण्ड हैl" आदत से मजबूर हूँ भइया यदि…

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अपना विश्वास जगाना है

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** जगना होगा आज स्वयं, नारी को भी निज शौर्य लिये। हिम्मत से जीना होगा निज, स्वाभिमान का अस्त्र लिएll यह इतिहास है भारत का, नारी…

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