करते सिक्के शोर!

प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ********************************************************** क़तर रहे हैं पंख वो,मेरे ही लो आज,सीखे हमसे थे कभी,भरना जो परवाज़। आखिर मंजिल से मिले,कठिन साँच की राह,ज्यादा पल टिकती नहीं,झूठ गढ़ी अफवाह। अब तक भँवरा गा रहा,जिसके मीठे राग,वो तितली तो उड़ चली,कब की दूजे बाग। वक्त-वक्त का खेल है,वक्त-वक्त की बात,आज सभी वो मौन हैं,जिनसे था उत्पात। जिनके … Read more

भीड़ में…

तारकेश कुमार ओझाखड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** खबरों की भीड़ में,राजनेताओं का रोग है…अभिनेताओं के टवीट्स हैं,अभिनेत्रियों का फरेब है।खिलाड़ियों की उमंग है,अमीरों की अमीरी है…कोरिया-चीन है,तो अमेरिका-पाकिस्तान भी हैलेकिन इस भीड़ से गायब है वो आम आदमीजो चौराहे पर हतप्रभ खड़ा है।जो ‘कोरोना’ से डरा हुआ तो है,लेकिन जिसे चिंता ‘टीके’ की नहीं…यह जानने की … Read more

परिवर्तन

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* रचना शिल्प:३२ वर्ण( ८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत,आंतरिक समान्तता अपेक्षित,चरणांत लघु-लघु ११ हे श्याम वर्ण के घननर्मद सा हो ये मन,पत्थर शिव जीवनवसुधा पर सावन। सागर जैसा हो धनविहगों जैसा जीवन,यमुना-सी बंशी धुनगंगा-सा जल पावन। हे राधा तेरा नर्तनमेघों के जैसा गर्जन,हो युग परिवर्तनमाधव मन भावन। मीरा के पद गायनभारत माता के जन,पायलियों … Read more

शिक्षा मातृभाषा में देने की बात,लेकिन तस्वीर अभी भी बहुत साफ नहीं

ई-संगोष्ठी:क्या नई शिक्षा नीति से लौटेगा मातृभाषा माध्यम ? मुंबई(महाराष्ट्र)। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा किए जाने के संबंध में वैश्विक हिंदी सम्मेलन द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर गूगल मीट पर वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों की और विभिन्न भाषाओं के प्रतिनिधियों ने … Read more

खूब सजी ‘ग़ज़लों की महफ़िल’:डाॅ विनोद ने शायरी से बाँधा समां

दिल्ली। साहित्य और संस्कृति के संवर्धन में लगी संस्था ‘पंकज-गोष्ठी ने क्रियाशीलता को बरकरार रखते हुए ग़ज़लों की महफ़िल (दिल्ली) श्रृंखला के दूसरे चरण में २५ अगस्त मंगलवार की शाम को महफ़िल की १४ वीं सजीव प्रस्तुति सजाई। इसमें अपनी बेहतरीन ग़ज़लें पढ़कर सुकंठ शायर व पूर्व आयकर आयुक्त डाॅ. बिनोद सिन्हा ने सबका दिल … Read more

शिक्षा का अलख जगाओ

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** घर घर अक्षर दीप जलाओ,उजियारा अब सब लाओ।नहीं रहे कोई अनपढ़ अब,शिक्षा का अलख जगाओ॥ भेद करो मत बेटी-बेटा,सबको आगे लाना है।लक्ष्य साधकर कार्य करो सब,मंजिल तक पहुँचाना है॥बेटी को भी पढ़ा-लिखा कर,उसका भी हक दिलवाओ।नहीं रहे कोई अनपढ़ अब,शिक्षा का अलख जगाओ॥ पढ़-लिखकर विद्वान बनें सब,होगा नाम हजारों में।स्वदेशी … Read more

मेरा अनुभव-मेरी सीख

वीना सक्सेनाइंदौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** बात थोड़ी पुरानी है,मेरे बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो चुके थे,उनकी शिक्षा लगभग पूरी हो चुकी थी…अतः घर- गृहस्थी से मुझे काफी समय मिल जाता था..तो सोचा क्यों ना कुछ इस खाली समय का सदुपयोग किया जाए… कोई एक संस्था ज्वाइन कर ली जाए..। हमारे एक परिचित हैं वे मुझे एक सामाजिक … Read more

शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्र को भाषा की दरकार

प्रो. गिरीश्वर मिश्रदिल्ली************************************************************* कुछ बातें प्रकट होने पर भी हमारे ध्यान में नहीं आतीं,और हम हम उनकी उपेक्षा करते जाते हैं और एक समय आता है जब मन मसोस कर रह जीते हैं कि,काश! पहले सोचा होताl भाषा के साथ ही ऐसा ही कुछ होता हैl भाषा में दैनंदिन संस्कृति का स्पंदन और प्रवाह होता … Read more

सत्यवादियों की बस्ती में झूठे भी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** जैसे सुख सपनों बीच कभीदु:स्वप्न कई आ जाते हैैं,फिर उड़ जाती है नींद सदा-वो स्वप्न हमें तड़पाते हैं। गर करता हो शुभ कर्म कोईदुनिया रोड़े अटकाती है,विकृत मानव हो तो उसको-ये बात कहाँ पच पाती है। ये दुनिया है इस दुनिया मेंसच्चे भी मिल जाते हैं,पर सत्यवादियों की बस्ती में-झूठे भी … Read more

बुढ़ापा बनाम बेबसी

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** न जीता हूँ न मरता हूँ,न ही कोई काम का हूँबोझ बन कर उनके,घर में पड़ा रहता हूँ।हर आते-जाते पर,नजर थोड़ी रखता हूँपर कह नहीं सकता,कुछ भी घरवालों को।अपनी बेबसी पर,खुद ही हँसता रहता हूँबहुत जुल्म ढाया है हमने,लगता उनकी नजरों में।सब-कुछ अपना लुटाकर,बनाया उच्चाधिकारी हमनेतभी तो भाग रही दुनिया,उनके आगे-पीछे।हम हो … Read more