`प्रदूषण` गायब रहा चुनाव से

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* राजधानी दिल्ली में अक्सर वायु एवं जल प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप में खड़ा रहता है,लेकिन इस गंभीर समस्या का दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ा…

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श्रेय फिर किसको दोगे..

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा ? मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा ? यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय…

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व्यर्थ ही है

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* चलना चाहता था चल न सके जाने क्या सोच हटे पीछे, दो कदम भी अब चल न सके- तो दौड़ लगाना व्यर्थ ही है। नाहक…

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संजीदगी से उकेरी त्रासदी ‘शिकारा’

इदरीस खत्री इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************* 'शिकारा' विदु विनोद चोपड़ा की फिल्म है, जिसमें अदाकार साहिल खान, सादिया है। संगीत-रेहमान ने दिया है। फ़िल्म का विषय बेहद संजीदा होने के साथ क्रूर…

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चलें करें मतदान हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मनचाही खुशियों भरा,खिले कुसुम मुस्कान। महापर्व जनतंत्र यह,सभी करें मतदानll मत केवल अधिकार नहीं,देना भी कर्तव्य। करें सबल जनतंत्र को,संविधान ध्यातव्यll देशभक्ति पर्याय…

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मन बावरा निशदिन

रेखा बोरा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ************************************************************* पपीहे की आवाज़ सुनाई देती है, करुणासिक्त पुकार सुनाई देती है तुम आए हो ऐसा लगता है मुझको, कदमों की पदचाप सुनाई देती है।…

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‘एक नौकरानी की डायरी’ के रचयिता कृष्ण बलदेव वैद नहीं रहे

दिल्ली। 'एक नौकरानी की डायरी' जैसे महत्वपूर्ण उपन्यास व 'बदचलन बीवियों का द्वीप' जैसी कहानी लिखने वाले कृष्ण बलदेव वैद का ६ फरवरी को निधन हो गया। ९२ वर्षीय श्री…

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जीत लिया जब तुमने

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* जीत लिया जब तुमने मन को, फिर तो कुछ भी बचा नहीं है। तू मेरा मैं तेरी रहूँगी साजन, तुम बिन तो अब कुछ भी…

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चितवन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंचल चर चपला चषक,चण्डी चूषक चाप्! चितवन चीता चोर चित,चाह चुभन चुपचाप! चाह चुभन चुपचाप,चाल चल चल चतुराई! चमन चहकते चंद,चतुर्दिश चष चमचाई! चाबुक चण्ड चरित्र,चतुर…

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सपने और आदमी

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** सपने और आदमी, लगता है एक-दूसरे के बिना हैं अधूरे, ये सपने ही हैं, जो देते हैं जीवन को, अर्थ पूरे। सपनों को, पूरा करने…

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