हिंद देश की हिंदी भाषा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिंद देश की हिंदी भाषा,जन-जन का आधार है।मुखरित होता है जब हिय से,दे सुंदर सत्कार है॥ शोभित होती मुख से जिनके,हिंदी भाषा शान से,मान-प्रतिष्ठा मिले सदा…

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कैसा खेल कान्हा…!

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** रोज सुबह आना,शाम ढले जाना,कैसा खेल कान्हा,ये कैसा खेल कान्हा। तेरी मधुर मुस्कान,जीना हमें सिखाये,भोली तेरी सूरत,प्रभु छवि दिखलायेंजो तुम नहीं आते,दिल डूब-डूब जाता,आँखों से…

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तृप्ति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* तृप्ति अद्भुत भाव,पंच इंद्रियों सेमस्तिष्क को संदेश,होता अनुभवतृप्ति या अतृप्ति का..! अनेक तृष्णाओं का,जनकतृप्ति के लिएहोता संघर्ष,पिपासा बुझती कहाँ..? फिर भी,जब इच्छा होती पूरीतृप्ति जगती…

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मेरे अरमान

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** न जाने क्यों मेरे अरमान सोने लगे हैं,मुश्किलों के दौर बेलगाम होने लगे हैं। खौफ के मन्जर नज़र आते हैं मुझको,न जाने क्यूं लोग बेईमान होने लगे…

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सभी दिलों की मुहब्बत…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** सभी दिलों की मुहब्बत,मैं दिल में रखता हूँ।दिलों में दर है खुदा का,सभी से कहता हूँ। ये एक देन है कुदरत की मैं यही…

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तो पत्थर जनाब हम भी हैं!

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं,हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं। शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहब,जो हो खराब…

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जन्नत की सैर

संजय जैन ‘बीना’मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************* पूनम की रात में,प्रीतम के साथ मेंनिकले हैं दोनों,जन्नत की सैर परदेखकर राधा कृष्ण,जैसी जोड़ी कोअप्सराएं बरसाने लगी फूल। देखो वसुन्धरा ने धरा पर,बिखेर दिए मोतीकोई कंकड़…

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डगर

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** जीवन की डगर पर कितने ही,पतझड़ औ बसन्त देखे हमने। जीवन की डगर कांटों से भरी,कुछ फूलों-सी सुरभित पाईपत्थर ही मिले राहों में अधिक,ठोकर ही हमने बहुधा खाई।…

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परिवर्तन

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** स्थिर जल दुर्गंधित हो,करते रोग शोक आमंत्रन,आवश्यक यौगिक लौकिक,प्रायोगिक है परिवर्तन…। विचार वेदना संवेदना नित विधि नियम सयंम सबमें,बदलाव का भाव आवश्यक है सृष्टि का संचालन…। परिवर्तन…

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करो ऐसी सियासत

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** अब करो ऐसी सियासत।हाथ अपने हो क़यादत। रोज़ करते जो मशक्कत।माँगते वो कब रियायत। जो नहीं करते हैं ख़िदमत।जब्त हो जाती ज़मानत। चार सू…

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