अब कर्म करो

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* भोग ली है जिन्दगी अब कर्म करो, राजनीतिक प्रहरियों अब शर्म करो। दशकों वर्ष बीत चुके कुछ बाकी है, मन्दर-मस्जिद भूल मानवधर्म…

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हर कोई बदहाल हुआ सावन में

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हर कोई बदहाल हुआ है सावन में। पानी जैसे काल हुआ है सावन में। रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो, रोटी बिन बेहाल हुआ…

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दोस्ती

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** (रचना शिल्प:अरकान-फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन २१२ १२२२ २१२ १२२२) दोस्ती को क्या समझे वो कोई पराया है, दोस्ती में जिसने बस जह्र ही…

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बहुत याद आ रही है माँ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** बहुत याद आ रही है माँ। जीना सिखला रही है माँl स्वयं पीकर कड़वाहट वो, मीठा दूध पिला रही है माँl भटक…

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अहम रहा पैसा कभी नहीं

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** जो आदमी शरीफ़ हो,देखा कभी नहीं। मेरे लिए अहम रहा पैसा कभी नहीं। जिसमें निरीह जीव की हत्या करे सभी, तू कर यकीन वह…

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विपरीत चल रही कश्तियां

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** अपनों की विकराल स्मृतियां। कष्ट निवारक नहीं आकृतियांl तुम्हें क्या कहें और कैसे कहें, बांटी थी सब लिखित प्रतियां। दण्ड भोग रहा…

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जुबां को तलवार कर दिया…

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** पहले तो खुद के इश्क में बीमार कर दिया। अपनी जुबां को बाद में तलवार कर दिया। ऐसी लगाई लत कि तलबगार हो गये, फिर…

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मिलती खुशियाँ नहीं ज़माने से

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** मिलतीं खुशियाँ नहीं ज़माने से, मांग लेता हूँ मैं वीराने से। बाप-माँ तो खुदा सरीखे हैं, बाज आओ इन्हें रुलाने से। आग छप्पर की…

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समय कहाँं है

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूख मिटाऊँ समय कहाँं है। मंदिर जाऊँ समय कहाँं है॥ गीता पढ़ ली पाप हो गया, और कमाऊँ समय कहाँं है। सरपट…

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देखा है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ******************************************************************************************** हारना तीरगी का देखा है। हौंसला आदमी का देखा है। मंजिलों की लगन में राही ने, रास्ता कब किसी का देखा है।…

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