…लेकिन जीत रखूँगा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** मैं मधुरस को पीने वाला, रसना में नित गीत रखूँगा। चाहे कोई अनल मुझे दे, उर में अपने शीत रखूँगा॥ मैं सागर हूँ नहीं दिखाता, किसी और को कर के छाले। चुभते शूलों ने भी उर में, गीत दिये हैं नित मतवाले॥ पथ में ठोकर से गिर जाऊँ, उर में … Read more

प्रेम इबादत है,पूजा है

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** प्रेम लोक परलोक सुधारे, मेरा तो अनुमान यही है। प्रेम इबादत है,पूजा है, भक्ति यही,भगवान यही है॥ प्रेम को जिसने भी पहिचाना, उसने सबको अपना माना। रब का रूप देखकर सबमें, सबको सेवा लायक जाना॥ तम में कर देता उजियारा, लासानी दिनमान यही है। प्रेम इबादत है,पूजा है, … Read more

मेरी दादी कहती थी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  (रचना शिल्प:कुकुभ छंद आधारित, १६ + १४=३० मात्रा प्रतिपद,पदांत SS,युगल पद तुकांतता।) मिल-जुल कर इस घर में रहना,मेरी दादी कहती थी। समझौता जीवन का गहना,मेरी दादी कहती थी। कहती थी लड़ने से बच्चों,घर की बरकत जाती है। लाख जतन कर लो फिर लेकिन,कभी न रौनक आती है। … Read more

पहला प्यार…एक परी

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** निकले हैं पंख कल्पना के, मैं उड़ता दूर गगन में हूँ। एक परी उतरकर नजरों में, दिल मेरा रोज चुराती है॥ इन दिनों समंदर में गहरे, इच्छाएं गोते खाती हैं। लाती हैं मोती माणक चुन, धनवान बनी इठलाती हैं॥ मैं लिपटा सजधज में रहता, दरबारे शाही में नृप-सा। … Read more

बाहर कदम तुम धरो ना…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** अब तो छोड़ो प्रिये सारा रोना, क्या करेगा हमारा ‘कोरोना।’ हममें हिम्मत रहे,हम में ताक़त रहे, कोई हमको नहीं फिर हरा पाएगा। हम रखें धैर्य नित,शांत हो घर रहें, कोई हमको नहीं फिर डरा पाएगा। अपनी खुशियों को ख़ुद तुम हरो ना, क्या करेगा हमारा कोरोना॥ आज की ये … Read more

‘कोरोना’ भगाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* सुनो भाईयों नारा ये, जन-जन तक पहुँचाना है। ‘कोरोना’ हराना हमको, कोरोना भगाना है। सुनो भाइयों नारा ये, जन-जन तक पहुँचाना है। कोरोना हराना हमको, कोरोना…॥ महामारी है बड़ी ये घातक, दुनियाभर में फैली है। बढ़ती जाती है संक्रमण से, नागिन बढ़ी विषैली है। इससे बचने के उपाय सब, … Read more

निष्प्राण करें हम ‘कोरोना’

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** मानवता पर जब जब कोई,ऐसी आफत आई, खुद ही खुद को डसती मानों,अपनी ही परछाई। भरी दुपहरी में सूरज को,मानो निगल गई रजनी, और भोर के हाथों से यूँ,गुपचुप फिसल गई रजनी। कोरोना के संकट को कुछ, सहज समझना ठीक नहीं। सही गलत की परिभाषा में, सहज उलझना ठीक नहीं।। … Read more

उजियारे को तरस रहा हूँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** उजियारे को तरस रहा हूँ,अँधियारे हरसाते हैं, अधरों से मुस्कानें गायब,आँसू भर-भर आते हैं। अपने सब अब दूर हो रहे, हर इक पथ पर भटक रहा। कोई भी अब नहीं है यहां, स्वारथ में जन अटक रहा। सच है बहरा,छल-फरेब है,झूठे बढ़ते जाते हैं, अधरों से मुस्कानें गायब,आँसू भर-भर … Read more

दहशत में सारा शहर आ गया

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* देश में ये कैसा कहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया। किसी के पास कोई जाता नहीं, लगे आग तो भी बुझाता नहीं। हवा में कैसा ये जहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया॥ छोड़ के काम सब घर आ रहे, भूखे बच्चे हैं ये किधर … Read more

हम बिगाड़ें न पर्यावरण

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. आईये एक कदम हम चलें, दोस्तों स्वच्छता के लिए। गंदगी न बढ़ाये कोई, इस धरा पे खुदा के लिए॥ गंदगी से सना होगा घर, आग की होंगें हम सब नजर। भस्म अस्तित्व कर लेंगें हम, पाल बैठेगें मरने का डर॥ इसलिए राह हम … Read more