चुन्नू की अच्छी सोच

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** एक बार चुन्नू पड़ोसी के घर में रखे दहेज के सामान को देख रहा था।;फ्रीज, कूलर, कुर्सी, टेबल, सोफ़ा सेट, अलमारी सभी सामान अभी बाहर ही रखे…

0 Comments

नई शुरुआत

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* 'चलो,जैसे साल बीता,वैसे गिले-शिकवे की बीती बातें भूल जाओ! क्यों हठ करती हो बच्चों जैसी ? इतने साल बीत गए हैं साथ रहते,हम दोनों उन्हीं किनारों…

0 Comments

बैसाखी

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** "अब खा भी लो सुलभा,कल से तुमने कुछ भी नहीं खाया है.. तुम्हें इस तरह ख़ामोश देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता..क्या हुआ कल वेद का कॉल…

0 Comments

ममता का आँचल

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… बुजुर्ग दया बहुत गरीब थी। अकेली रहती थी, बस मिट्टी से घड़े,दीपक आदि बना कर कैसे भी गुजर-बसर करती थी। पिछले साल…

0 Comments

पश्चाताप

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** रक्षाबंधन विशेष........ "राधा…सुन..! ये मोर पंख वाली राखी तुझे अच्छी लग रही थी न..! ले…लेजा इसे अपने भाई को बांधना… I" वेदिका ने पिछले साल की राखी अपनी…

0 Comments

मैं जीत गई

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज मिश्रा जी के घर में फिर हलचल दिखाई दे रही थी । हर चार-पांच महीन बाद ऐसा माहौल रहता,फिर शान्त हो जाता । मेरे पड़ोसी थे।…

0 Comments

मेरी भगवान

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष …….. आज नीरा अपनी बालकनी में बैठी-बैठी अपने विद्यालय के दिन याद कर रही थी,क्योंकि आज उसकी बहुत पुरानी सहेली प्रीति…

0 Comments

पैसे पेड़ पर नहीं उगते

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज शर्मा जी बहुत खुश थे। वह जल्दी घर पहुँचना चाहते थे,जिससे घर जाकर खुश खबरी सुना सकें। उनकी अकेली लाड़ली बेटी शुचि का सम्बन्ध इतने बड़े…

0 Comments

घोंसले

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** पर्यावरण दिवस विशेष..... नमिता खिड़की में बहुत देर से उदास खड़ी हुई थी। आज के बाद अब सुबह का चिड़ियाओं का चहकना,कबूतरों की गुटरगूं और काम वाली…

0 Comments

अलविदा

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सूनी-सूनी आँखें,जर्जर काया,एक छोटा-सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी साँस लेनी है। ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी १० दिन पहले ही इस आश्रम…

0 Comments