दीपक ज्यों जल कर कहे….

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** आजादी के हो गए,आज बहत्तर साल। लेकिन अपना देश है,अभी तलक बदहाल॥ अभी तलक बदहाल,करोड़ों भूखे नंगे। नेता अपने धन्य,कराते रहते दंगे॥ सुरसा मुँह…

0 Comments

मतदान

सुकमोती चौहान 'रुचि' महासमुन्द (छत्तीसगढ़) ********************************************************************************** जनता मेरे देश की,करे सभी मतदान। जागेंं निज हित के लिए,हक अपना पहचान हक अपना पहचान,राष्ट्र समृद्ध बुनिए जी। सबसे यही अपील,योग्य नेता चुनिए…

1 Comment

सावन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सावन मन भावन लगे,भक्ति शक्ति संगीत। सत्यम शिवम् विराजते,पावन सावन प्रीतll पावन सावन प्रीत,चढ़े झूले पर सखियाँ। तकती है मनमीत,बरसती सावन अँखियाँll शर्मा बाबू लाल,नहीं हो…

0 Comments

चन्द्रयान-दो

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* भेजा है फिर चाँद पर,'इसरो' ने चन्द्रयान। दुनिया में भारत बना,चौथा देश महान॥ चौथा देश महान,इसकी लागत न ज्यादा। औरों की क्या बात,यहाँ आधे…

0 Comments

मैं बस चौकीदार

डॉ.विभा माधवी खगड़िया(बिहार) *********************************************************************************************** जिसने पहुंचाया तुम्हें,सत्ता का दरबार। तुमने दुत्कारा उसे,दुश्मन का बन यार॥ दुश्मन का बन यार,जभी मैदां में आया। देशभक्त ने टाँग,खींचकर मजा चखाया। समझ न आई…

0 Comments

आओ हे गुरुवर

ममता बनर्जी मंजरी दुर्गापुर(पश्चिम बंगाल) ****************************************************************************** दोहा- आओ हे गुरुवर बसो,मन मंदिर में आज। बिन तेरे संसार में,बिगड़े सारे काज॥ रोला- बिगड़ै सारे काज,समझ में कछु नहिं आवै। मन में दु:ख…

0 Comments

मतदान-अधिकार

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* भारत के संविधान में,दिए मूल अधिकार। मानवता हक में रहे,लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र सरकार,लोक से निर्मित होती। भूलो मत कर्तव्य,कर्म ही सच्चे मोती। कहे लाल कविराय,अकर्मी पाते…

0 Comments

मानव की पहचान

डॉ.अ‍र्चना दुबे  मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************************************** सेवा शिष्टाचार ही,मानव की पहचान। जन प्रत्येक इसीलिए,दिख रहे परेशानl दिख रहे परेशान,आचरण अच्छा रखना। किये नहीं सत्कार,कहेंगे कैसे अपना। रीत कहे यह बात,मिलेगा कैसे…

0 Comments

श्रद्धांजलि

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* फाँसी पर हँसकर चढ़े,भगत सुखदेव राज। तीनों ने ऊँचा किया,भारत माँ का ताज। भारत माँ का ताज,वतन पर प्रण थे धारे। जाओ अपना देश,नहीं…

0 Comments

होली

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* होली ऐसा पर्व है,लाये हर्ष अपार। चाहे राजा-रंक हो,सबमें दिखता प्यार। सबमें दिखता प्यार,गाँव परदेशी आते। नया-नया पकवान,सभी हैं मिलकर खाते। कह बिनोद कविराय,दिखे…

0 Comments