कोरोना से युद्ध चले करने दिलवाले

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** उनकी खातिर प्रार्थना, मिलकर करना आज। जो जनसेवा कर रहे, भूल सभी निज काज। भूल सभी निज काज, प्राण जोखिम में डाले। कोरोना से…

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बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए!…

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बदला

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बदला- बदला लिया कलिंग ने,किया मगध का ह्रास! दोनो तरफ विनाश बस,पढ़िए जन इतिहास! पढ़िये जन इतिहास,सत्य जो सीख सिखाए! भूत भावि संबंध,शोध नव पंथ दिखाए!…

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दोस्ती

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* दोस्त बनाए वही जो,सही राह दिखलाय। बोले कड़वा वो भले,सदा सत्य बतलाय॥ सदा सत्य बतलाय,कभी भी झूठ न बोले। लेवे सदा उबार,मित्र पर संकट डोले॥…

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सरिता

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सरिता- सरिता ये धमनी शिरा,मान भारती शान! गंगा यमुना नर्मदा,चम्बल सोन समान! चम्बल सोन समान,सरित धरती सरसाती! बने नहर बहु बन्ध,फसल धानी लहराती! शर्मा बाबू लाल,सजी…

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वीणा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वीणा- वीणा में स्वर है नहीं,होती निश्चल मौन! होता वादक मौन है,स्वर देता है कौन! स्वर देता है कौन,कहाँ से ध्वनि आ जय भारत जय भारत…

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सभी मिल खेलें होली

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* होली के त्यौहार में,उड़े अबीर गुलाल। रंगों की बौछार से,हुए चेहरे लाल॥ हुए चेहरे लाल,सभी मिल रंग लगाते। खाते हैं पकवान,सभी ये पर्व मनाते॥ कहता…

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कोरोना वायरस

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** 'कोरोना' यह वायरस,जो मानव की देन। इतना ताकतवर हुआ,पल-पल देता पेन। पल-पल देता पेन,नाक बहने लगती है। आती रहती छींक,देह तपने लगती है। इसका…

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कुनबा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कुुनबा- बातें बीती वक्त भी,प्रेम प्रीत प्राचीन। था कुनबा सब साथ थे,एकल अर्वाचीन। एकल अर्वाचीन,हुए परिवारी सारे। कुनबे अब इतिहास,पराये पितर हमारे। शर्मा बाबू लाल,घात प्रतिघात…

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आँचल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* आँचल- धानी चूनर भारती,आँचल भरा ममत्व। परिपाटी बलिदान की,विविध वर्ग भ्रातृत्व। विविध वर्ग भ्रातत्व,एकता अपनी थाती। आँचल भरे दुलार,हवा जब लोरी गाती। शर्मा बाबू लाल,करें हम…

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