प्रकृति संरक्षक व दिव्यज्ञान के प्रतीक श्री गणेश जी
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************** श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. ईश्वर निराकार है। एक होकर भी उसने अनेक रूप धारण किए। स्वयं भगवान कहते हैं,-‘एकोऽहं बहुस्याम’,अर्थात में एक होकर भी अनेक रूप धारण करता हूँ। संसार में विभिन्न लीलाएं रचने,संसार को मार्गदर्शन देने,संसार में सभी प्रकार की मर्यादाएं व व्यवस्थाएं बनाने,भक्तों को विभिन्न रूपों में दर्शन … Read more