अब कोई रिश्ता निभाया नहीं जाता

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जाता, लोग उसे बेवफा कहते हैं,हमसे कहा नहीं जाताl मन्नतें जाने कितनी मांगी थी मैंने, अब इन आँखों से…

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तुझमें राम,मुझमें राम और हम सबमें राम

हेमेन्द्र क्षीरसागर बालाघाट(मध्यप्रदेश) *************************************************************** किसी भी राष्ट्र का अस्तित्व और अस्मिता,स्वत्व और स्वाभिमान उस देश के श्रद्धा व आस्था केन्द्रों,महापुरुषों के स्मृति स्थलों तथा सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन…

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अहंकार करना नहीं

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** चन्दन- चन्दन माथे साज के,पंडित बने महान। ढोंगी पाखण्डी बने,देखो तो इंसान॥ अग्निपथ- वीर चले हैं अग्निपथ,होने को बलिदान। भारत की रक्षा किये,देखो…

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अजीब-सी जिन्दगानी है…

रेणू अग्रवाल हैदराबाद(तेलंगाना) ************************************************************** अजब प्यार की कहानी है। ये जज्बात तो रूहानी है। कौन किसको समझ पाया, अजीब-सी जिन्दगानी है। मेहनत जो कर रहा है उसकी, पसीने से तरबतर…

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पहले तौलिए,फिर बोलिए

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** मधुर वचन है औषधि,यूँ ही ना मुँह खोलिए, बड़े-छोटे का लिहाज कर,कुछ भी मत बोलिए। मधुरता के अभाव में,बने ना एक भी काम, अपनाये जो…

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राहे वफा में हरषो काँटे

आर.पी. तिवारी स्वदेश बांदा (उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** राहे वफा में हरषो काँटे, धूप जियादा साये कम। लेकिन इस पर चलने वाले, खुश ही रहे पछताए कमll राहे वफा में हरषो काँटे...…

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वो ख़त

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* अब वो ज़माने कहाँ रहे ? जब इंतज़ार रहता था डाकिये का बेसब्री से, उसकी साइकिल की घण्टी सुनकर धड़कता था दिल, कि लाया होगा…

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समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

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स्वाति-जिदंगी का चित्रण

तृप्ति तोमर `तृष्णा` भोपाल (मध्यप्रदेश) ********************************************************************* स्वाति इधर-उधर खिलखिलाती जैसे लहर, गुनगुनाती सरगम जैसे शाम और शहर। रिमझिम-रिमझिम जुगनू-सी जगमगाती-सी, चारों तरफ तारों भरी रात जैसे दिवाली-सा मंजर। अनगिनत खुशियों की…

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बहाने की बात ही और है जनाब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मेरे दौर में एक गाना गूंजता था,जो प्राण साहब पर फिल्माया गया था-"कस्मे- वादे प्यार-वफ़ा सब वादे हैं,वादों का क्या ?"। इसी तरह से…

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