अधिनियम बनाम गढ़े गए विवाद

राकेश सैन जालंधर(पंजाब) ***************************************************************** मुद्दा 'नागरिक संशोधन कानून'............ दुनिया में हर विवाद का हल व समस्या का समाधान है,परन्तु गढ़े गए विवादों का जब तक निपटान होता है,तब तक बहुत…

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सहारा

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** इष्ट कृपा सबको मिले,मन में रख विश्वास। जीवन में श्री नाथ ही,बनें सहारा खासll मात-पिता ही जन्म दे,पकड़े हाथ चलाय। बने सहारा पुत्र का,सारे फर्ज निभायll…

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आजाद भारत में कितनी आत्मनिर्भर हैं महिलाएं!

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** लैंगिक समानता में भारत ११२ वें स्थान पर पहुंचा,जिनमें शिक्षा,स्वास्थ्यऔर राजनीतिक ताकत में महिलाओं के साथ भेदभाव ख़त्म होने में ९९ वर्ष लगेंगे,ये बात विश्व आर्थिक…

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मोहब्बत किसी और से,दिल्लगी किसी और से…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** तेरी यादों को अब तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। सपनों की दुनिया में, अभी तक डूबा हुआ हूँ। दिल को यकीन नहीं होता, कि तुम…

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विदाई

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** आओ मिलकर करें विदाई, इस वर्ष की अंतिम घड़ी आई। याद कर ले सब दोस्तों को, अच्छे-बुरे सब रिश्तों को अच्छे रिश्ते हैं…

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मत बाँटो इंसान को

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** जाति-धर्म की बातें कर यूँ मत बाँटो इंसान को, मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को। कुछ नेता बस घात करेंगे,…

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शीत दिवस

तृप्ति तोमर `तृष्णा` भोपाल (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शीत दिवस में सबसे मनमोहक दिन, खेलते,गुनगुनाते गुजर जाता पल प्रति दिन। सबके अपने अलग हैं अनोखा आलम, जैसे सारे ऋतुओं,रंगों का हो सुहावना संगम॥…

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क्यों भार लगने लगती है जिन्दगी ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* जीवन से जुड़ा एक बड़ा सवाल है कि विषम परिस्थितियां क्यों आती है ? जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है ? क्यों हम स्वयं से…

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लानत है नेतागिरी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आहत है मेरी कलम,गद्दारों को देख। खंडन को नेता तुले,देश दुखी क्या लेखll आज बहुत तारक वतन,हैं कहँ तारकनाथ। तोड़ रहे अपने वतन,कहाँ…

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राष्ट्रहित में सम्मान करना चाहिए कानून का

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** मुद्दा 'नागरिकता संशोधन कानून'.......... नागरिक कानून हम सब देशवासियों के लिए,नागरिकों के लिए सुरक्षा कवच है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह अपने देश…

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