मेहरबानी आपकी

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** चाँद बन कर आप आए मेहरबानी आपकी।आ के मेरे दिल पे छाए मेहरबानी आपकी। किस क़दर बेनूर लगती थी मुझे हर शामे ग़म।तीरगी में लड़खड़ाते थे…

0 Comments

महँगाई

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* मँहगाई की मार से, सारा जग बौराय।राशन आटा भाव तो, आसमान छू जाय॥आसमान छू जाय, करें क्या समझ न आता।क्या होगा घर-द्वार, सोच मन है…

0 Comments

लो चल पड़ी मैं

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** लो चल पड़ी मैं उस राह पर,जहाँ राह में लाखों शूल मिलेंगेमगर मैंने जो ठाना है मन में,उससे मुझे डिगा न सकेंगे। पर्यावरण बहुत प्रदूषित होचुका है,इसीलिए…

0 Comments

कवेलू

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)****************************************** ओ मेघा रे... गन्नू-माँ आज तू बहुत उदास है, क्या बात है ?माँ-तुझे क्या बताऊँ बेटा ? तू अभी बहुत छोटा है, तू इन बातों को…

0 Comments

ओ मेघा रे आकर…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* ओ मेघा रे… ओ मेघा रे आकर, अब तो सज जा,जीवन तरसे तुझ बिन, बारिश तो दे जा।बूंदों से पानी की जीवन चलता है,बिन…

0 Comments

क्यों हमको तरसाए रे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ओ मेघा रे… ओ मेघा रे, क्यों हमको तरसाए रे,अब के बरस कब होंगे तेरे दरस ओ मेघा रेछम-छम करता तू धरती पर स्फूर्ति से आजा…

0 Comments

बिना बरसे गुजरा…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ओ मेघा रे… कहाँ भटका मेघा किधर छिप के,लगाया ये किसने तेरी राह पहरा। जिया तुम दुखाते न बरसे रे मेघा,दिखाए पिया की तरह नाज-नखरा। खड़ी राह…

0 Comments

सार्थक जीवन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** दर्द बंटाने को औरों का, बोझ उठाना पड़ता है,उनके खातिर निजता को भी दाँव लगाना पड़ता है।खो कर के अपने वजूद को परहित में जीवन जीये,जहर…

0 Comments

आए तुझको मनाने

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हम तो चले आए मोहन तुझको मनाने,,चाहे आप मानें, और कहो काहे ना मानें। जाना नहीं, अपने दिल में तुझे हम बिठाए हैं,कटोरा भर माखन तेरे…

0 Comments

कहीं डगर भी हो

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सीधी-सच्ची कहीं डगर भी हो।साथ अच्छा-सा हमसफ़र भी हो। शब अँधेरी की अब सहर भी हो।उनको मेरी ज़रा ख़बर भी हो। रोज़ बनवाइये महल…

0 Comments