मुहब्बत सोचने वालों के बस की बात ना होती

अमितू भारद्वाज शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** मुहब्बत सोचने वालों के,बस की बात ना होती, ये आँखें सूख जाती तो,कोई बरसात ना होती। ना आते तुम ख्वाबों में,अगर चितचोर के जैसे, उड़ी होती पतंग मन की,बता बिन डोर के कैसेl मेरी नदियों का सागर बन सहारा हो गया होता, जो मेरे पास है सारा,तुम्हारा हो गया होताl … Read more

हिंदी भारत माँ की बिंदी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. यह कैसी शर्मिन्दी है, हिंदी भारत माँ की बिंदी है। अपनी ओर निहारो तुम, इसको जरा सँवारो तुम। भारती का सौंदर्य है यह, इसकी जग में बुलन्दी है॥ हिंदी भारत माँ… सरल विमल है जिसकी छवि, ज्योतिर्मय हो जैसे रवि। प्रकाश पुंज है भावों का, मर्यादा … Read more

हिंदी मेरी जान

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिन्द देश के हैं हम वासी,हिंदी मेरी जान है। मैंने तन-मन वार दिया,मेरी जां कुर्बान है॥ वंदे मातरम् वंदे मातरम्,धरती का ये राग है, भारत वासी बेटा है,सबकी यही जुबान है। हिन्द देश के हैं हम… अंग्रेजी पढ़ लेना तुम,अंग्रेज नहीं बन जाना, देशद्रोह … Read more

मातृभाषा का सवाल

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. मातृभाषा हिन्दी हमसे करती है सवाल, समझ नहीं आती क्यूँ शुद्ध हिन्दी में बात। यूँ बदली है युवा पीढ़ी अलग है उनकी बात, इंगलिश में करते हैं हर अब आपस में बात। फ्रिक नहीं है उनको कि हिन्दी का क्या हाल, हो रहा है पतन … Read more

पहचान है ये हिंदी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************  हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. माँ शारदे का न्यारा,वरदान है ये हिंदी। इस हिंद देश की तो,पहचान है ये हिंदी॥ हिंदी है गंगा-यमुना,सी एक नदी पावन। स्वर और व्यंजनों की,लहरें है जिसमें बावन॥ नव पीढ़ी आओ आगे,निज शक्तियां संभालो। पाना है संस्कृति तो,इस नीर में नहा लो॥ संस्कृत-सी … Read more

इकरार

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* हाथों में हाथ लेकर इकरार करती हूँ, हाँ सजन,मैं तुमसे प्यार,प्यार करती हूँ। मेरे जीवन बगिया के तुम ही तो माली, सिंदूर तुम हो माँग का,मेरे होंठों की लाली। तेरे लिये ही प्रियतम श्रृंगार करती हूँ, हाँ सजन,मैं तुमसे प्यार,प्यार करती हूँ॥ तुम जिन्दगी हो मेरी हो साँसो की सरगम, … Read more

वर्षा सुन्दरी

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** रिमझिम-रिमझिम बरस रही यह,प्यारी बरखा रानी है, निर्मल-निर्मल पावन-पावन,लगती बड़ी सुहानी है। नभ में छायी घोर घटाएं, बदरवा कजरारे हैं। मोर पपीहा बोले वन में, आज मगन मन सारे हैं। मन-मयूर नर्तन करता अब,कोकिल-स्वर में वाणी है, हृदय डोल रहा है मेरा,करने को मनमानी है। आसमान से उतर रही है, … Read more

रुक्मणी पूछे सवाल

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* रुक्मणी पूछ रही,कान्हा मेरा प्रेम क्यूँ अधूरा है, मैं अर्धांगनी तेरी,संग राधा को क्यूँ बिठाया है… कान्हा तुझ पर मैंने..तन-मन वारा है… मैं भक्ति तेरी करती,तुझको ही पूजा है… मैं तन हूँ तेरा,मन राधा को क्यूँ बसाया है… रुक्मणी पूछ रही,मेरा प्रेम…ll कान्हा तेरे चरणों की मैं हूँ … Read more

नारी की महानता

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** तूने जग में बिछाया एहसान है, तेरी अपनी कहानी तेरी शान है। तूने साथ दिया,नर को मान दिया, खुद तो गम ही सहे,फिर भी प्रेम दिया। तेरी दु:ख की कहानी भी महान है, तेरी अपनी कहानी तेरी शान है॥ चाहे फूल न मिले,फिर भी काँटे सहे, दिल में गम हो … Read more

दे दो गणेश जी को चंदा

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** दे दो गणेशजी को चंदा,हाँ हमें गणपति बिठाने, गणपति बिठाने,गणपति बिठाने दे दो गणेशजी को चंदा… सौ-सौ रुपैया की मूरत ले आये, ढोल-नगाड़े से गणपति बिठाये। पंडा को देने है दक्षिणा, हाँ हमें गणपति बिठाने। दे दो गणेशजी को चंदा… दूर्वा सिन्दूर बप्पा तुम्हें चढ़ाये, ककड़ी केला के भोग लगाए। मोदक … Read more