सूटकेस

वीना सक्सेनाइंदौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** मेट्रो रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद मुझे न्यू दिल्ली स्टेशन तक जाना था। मैं अपना सूटकेस,जो रोलिंग था,ले कर चल पड़ीl थोड़ी दूर चलने पर दस-पंद्रह सीढ़ियों…

0 Comments

तुम कब जाओगे कोरोना

अलीशा सक्सेनाइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************************************************* सड़कें और चौराहे सब हो गए हैं सुनसान,घर में बैठे-बैठे हम भी हो गए हैं परेशान…तुम कब जाओगे कोरोना!अब न हो पाता है बाहर खेलने जाना और,न…

2 Comments

गलती

अलीशा सक्सेनाइंदौर (मध्यप्रदेश)********************************************************************* प्रिया को नाचने का बहुत शौक था,और इस शौक को वह जुनून की तरह करती थी। दिन-रात नृत्य के अलावा कुछ नहीं सूझता था। एक दिन समाचार-पत्र…

1 Comment

हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ राष्ट्रीय समस्या

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** भारत एक सार्वभौम संवैधानिक लोकतंत्र है और भारतीय लोकतंत्र के तीन संवैधानिक स्तम्भ हैं,यथा-विधायिका,कार्यपालिका एवं न्याय पालिका,जिनके संगठन,कार्य,कार्यपद्धति संविधान में निहित है| `विधायिका` सर्वविदित है…

0 Comments

गाँव से

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** निष्ठुरपुर गाँव में चार-पांच दिन से माहौल बहुत गर्म था। पंचायत भवन में गर्मी कुछ ज्यादा थी,यह आस-पास के चार-पांच गाँव की संयुक्त पंचायत थी।…

1 Comment

चींटियों का सबक

अलीशा सक्सेना इंदौर (मध्यप्रदेश) ********************************************************************************* गर्मी के दिन थे,बहुत मेहनत करने के बाद चींटियों ने अपने लिए एक घर बनाया। अपनी रानी के लिए उस घर के बीचों-बीच एक सुन्दर-सा…

0 Comments

दीपक एक जलाया था…

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’ भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** कल मैंने दीवट पर दीपक एक जलाया था, हरदिन प्रभु उसमें तेरा ही रूप समाया था तेरी मोहनी मूरत के ही देखे थे…

0 Comments

तुसी ही रब हो…

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’ भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** चिकित्सक के जीवन में हर दिन का अपना महत्व होता है,पर उसमें भी कुछ दिन यादगार बन जाते हैं। ऐसा ही एक दिन…

1 Comment

केंचुआ

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना 'गिरीश' भोपाल(मध्यप्रदेश) *********************************************************************************** प्रभु कृपा,केंचुए उभय लिंगी होते हैं- एक शरीर में होता है नर और होती है नारी। काश इंसान बस केंचुआ ही होता- सबकी…

0 Comments

मेरी सखी

वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) *********************************************** बेटे की शादी की तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई थी। घर मेहमानों से भरा हुआ था। सिर्फ दो दिन बचे थे। आज हल्दी थी,कल महिला संगीत…

0 Comments