आतंकवाद एक खतरा
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* खतरा बना आज यह भारी,विश्व प्रताड़ित है सारा। देखो कर लो गौर मानवी,मनु विकास इससे हारा। देश-देश में उन्मादी नर,आतंकी बन जाते हैं। धर्म वाद आधार बना कर,धन-दौलत पा जाते हैं। भाई-चारा तोड़ आपसी,सद्भावों को मिटा रहे। हो,अशांत परिवेश समाजी,अपनों को ये पिटा रहे। भय-आतंकवाद का खतरा,दुनिया में मँडराता है। पाक … Read more