महँगाई

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अब तो सुन लो ओ कन्हाई, खूब बढ़ी है अब महंगाई धनवान अति धनी हुए हैं- निर्धन की है आफत आई। बूढ़ी माँ क्यों कराह रही है, भूखे बच्चे सुला रही है महँगाई दम तोड़ रही है- झूठी लोरी सुना रही है। कब तक यह परीक्षा लोगे, कब तक दारुण … Read more

स्वदेश महान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचनाशिल्प:जगण,जगण १२१,१२१-६ वर्ण,८ मात्रा,दो-दो चरण सम तुकांत,चार चरण का एक छंद) करें जय गान! शहादत शान! सुवीर जवान! स्वदेश महान! करें गुण गान! सुधीर किसान! पढ़े इतिहास! बचे निज त्रास! धरा निज मात! प्रणाम प्रभात! पिता भगवान! सदा सत मान! रहे यश गान! स्वदेश महान! प्रवीर जवान! सुधीर किसान! परिचय : बाबूलाल … Read more

व्यर्थ ही है

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* चलना चाहता था चल न सके जाने क्या सोच हटे पीछे, दो कदम भी अब चल न सके- तो दौड़ लगाना व्यर्थ ही है। नाहक हँसते फिरते थे हम हँसना चाहा था हँस न सके, अब बात-बात पर हँसते हैं- तो स्वंय को हँसाना व्यर्थ ही है। जीवन में लक्ष्य … Read more

चितवन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंचल चर चपला चषक,चण्डी चूषक चाप्! चितवन चीता चोर चित,चाह चुभन चुपचाप! चाह चुभन चुपचाप,चाल चल चल चतुराई! चमन चहकते चंद,चतुर्दिश चष चमचाई! चाबुक चण्ड चरित्र,चतुर चतुरानन चंगुल! चारु चमकमय चित्र,चुनें चॅम चंदन चंचल! (इक दृष्टि यहाँ भी:चॅम=मित्र,चष=दृश्य शक्ति या नेत्र रोग) परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ … Read more

नेता जी और अर्जी…

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मच पर बैठे नेता जी, सुनकर मेरी कविता खूब मुस्कुराए, खिलखिलाए तालियाँ बजाए। फिर बुलाकर मुझे मंच पर थपथपाई मेरी पीठ, थमाकर सौ रुपये का नोट बढ़ाया मेरा हौंसला। फिर धीरे से बोले- “ये लो मेरा कार्ड, पड़े जब जरुरत नि:संकोच करना मुझे याद, मैं जरुर आऊंगा आपके काम।” मैं … Read more

बहुत हुआ,अब और नहीं

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** धर्म के नाम पर,उन्माद को, अब रोकना होगाl उग़लती विष जो जिह्वाएं, उन्हें अब टोकना होगाll नहीं समभाव हो जिसमें, धर्म कैसे हुआ,तब,वोl घृणा का भाव हो जिसमें, कर्म कैसे हुआ,सत,वोl ग्रन्थ पावन सिखाते हैं, नेह,करुणा,क्षमा सबकोl बैर का विष उगलते जो, लेख ऐसे पढ़ें हम क्योंl लिखे कटु … Read more

कल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचनाशिल्प:मापनी-२१२२ २१२२,४ चरण का छंद है-दो दो चरण सम तुकांत हो चरणांत में,२२,या २११ हो,चरणारंभ गुरु से अनिवार्य है,३,१०वीं मात्रा लघु अनिवार्य) काल से संग्राम ठानो! साहसी की जीत मानो! आज आओ मीत सारे! काल-कल बातें विचारे! सोच ऊँची बात मानव! भाव होवें मान आनव! आज है तो कल रहेगा! सोच … Read more

सरकार गिर गई

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* बलवंतसिंह जल्दी-जल्दी में हांफता-सा आया और बोला,-“सरकार! सरकार! माँ सरकार गिर गई।” यह कह कर वह उल्टे पांव लौट गया। नेताजी नाश्ता कर रहे थे,जोरों की भूख लगी थी। नाश्ता देरी से लाने पर उन्होंने किसना को भी डांट लगा दी थी,पर अभी, ‘सरकार गिर गई’ कहने से उनकी पूरी … Read more

भारत के झंडे की शपथ लें

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… आजादी को हासिल करके , आज के दिन भारत को गणराज्य बनाया था। २६ जनवरी १९५० को, देश भारत ने संविधान पारित कर, संविधान लागू करवाया था। आजादी को हासिल करके, भारत को गणराज्य बनाया था॥ राष्ट्र का यह पर्व राष्ट्र के साथ भाईचारे से … Read more

ऊँचा रहे तिरंगा अपना

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… पुरा कहानी,याद सभी को, मेरे देश जहाँन की। कहें सुने गणतंत्र सु गाथा, अपने देश महान की। सन सत्तावन की गाथाएँ, आजादी हित वीर नमन। रानी झाँसी नाना साहब, तात्या से रणधीर नमन। तब से आजादी मिलने तक, युद्व रहा बस जारी था। वीर हमारे नित मरते … Read more