रख लो अब लाज हमारी
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हे ईश्वर! मानव का अपमान हो रहा , देवत्व आपका कहाँ सो रहा हे ईश्वर अब भक्त तुम्हारे, जा रहे बेमौत ही मारे। गलती की…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हे ईश्वर! मानव का अपमान हो रहा , देवत्व आपका कहाँ सो रहा हे ईश्वर अब भक्त तुम्हारे, जा रहे बेमौत ही मारे। गलती की…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि हम भी प्रकृति के परिवार के सदस्यों में से एक हैं। प्रकृति…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** सोया था मैं अपनी उमंग में, बच्चे भी थे हमारे संग में नींद में था मैं गहरी तभी, सपने में आया `कोरोनाl` उसे देख मैं…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** `कोरोना`,अब तो बस करो ना, कोरोना,अब तो बस करो ना दुनिया तड़पे जीवन खातिर, तुम अब तो ठंडा पड़ो ना कोरोना,अब तो बस करो ना...।…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं। हमारे भारत वर्ष को त्योहारों और पर्वों का देश भी कहा जाता है,क्योंकि यहाँ हर रोज कोई-ना-कोई त्योहार…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** सोचा था एक होंगे हम,यही सोच लिए जा रहा हूँ, सदभाव तो आदत है मेरी,यही मैं जिए जा रहा हूँ। जाना था कहीं,कहीं और चले…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** सब-कुछ जब ठीक-ठाक चल रहा, लोग हाल पूछे बेर-बेर, जब समय ने कहर गिराया, लोग लिए मुँह फेरl उगते सूरज को नमन सभी का, ढलने…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ, दिल को मैं तो छू लूँ। हिया में रस घोलूँ, विरहिन के पास जाऊँ दर्दे दिल की दवा हूँ। हवा…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** दूर के ढोल सुहावने लगे, गाँव से लोग शहर में भागे। शहर तो है ज़हर का डब्बा, बेलगाम है बेगम का अब्बा। पैसे वाले सब…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** ना बाबा हम तेरी गलियाँ, लौट कभी ना आएंगे। भेड़िए बैठे डीठि लगाए, हमें नोच ओ खाएंगे। बाबा पहले वादा कर लो, कहीं घिर हम…