कुल पृष्ठ दर्शन : 329

बचपन की यादें

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

******************************************************************

एक साथ खेले हैं हमने
पलकों में उन्हें छुपाए,
सारी-सारी रात जागकर
दिल की बात बताएं।

हाँ बचपन ऐसे बीत गया
शबनम हमसे रूठ गई,
कसमें-वादे टूट गए
सपने सारे लूट गए।

चले गए वो छोड़ के
हमसे नाता तोड़ के,
यहीं बातें बोल के
फिर मिलेंगे सब छोड़ के।

उन्हीं की यादों में
जी रहे हैं हम,
यही प्यार की बातें
पी रहे हैं हम।

तेरे इंतजार में
खो गए हैं हम।
तेरा नाम ले लेकर
रो रहे हैं हम॥

परिचय-विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

Leave a Reply