शाम हुई…
सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** शाम हुई सुबह की,उद्यांचल से तपती हुईसूर्योदय के पराक्रम में,सहजता से प्रयन्त प्रयासों केउद्त प्रभावों से,समेटते हुए कार्य सम्पादन से। शाम हुई, कुछ कहने लगी,उन क्षणिक प्रलापों…