बड़ा गुनाह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा गुनाहमिले ऐसी सजाना दें पनाह। कैसा समयतार-तार अस्मितातोड़ा सम्मान। ये लोक-तंत्र!बुरा विचार-आगस्त्री कब तक? ये कैसी हिंसा ?लूट रहे अमनभूले अहिंसा। जरूरी न्यायना हो हैवानियतना हो…

0 Comments

सरिता बहे हित में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…

0 Comments

सावन बरसे, खुशियाँ घर-आँगन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन सावन-मन का आँगन... मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है,फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड़ भरा माँ का आँगन हैमहके खुशबू…

0 Comments

पावन व पवित्र माह

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** पावन सावन-मन का आँगन... पावन पवित्र सावन,पवित्र भावनाओं को सहेजने वालीअनुपमा का अपूर्व सौन्दर्य है,उन्नत ईश्वरीय खोज कासुन्दर आभार लगता है यहाँ,मानों हम घोषित कर दिए गए दिग्विजय हैं,हमें…

0 Comments

छोड़ न…, सब चलता है

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** दिल को लगी ठेस,और मरहम भी जलता हैपर छोड़ न,सब चलता है। तो क्या हुआ,जो ठुकरा रही है दुनियाठोकरों से ही तो,इंसान सम्हलता हैपर छोड़ न,सब…

0 Comments

शब्द-खेती

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** कविता की खेती-बाड़ीमें कवि बोते हैं,नित रोज एक-एक करशब्द के बीज,अच्छी नस्ल के शब्द-बीजसे अंकुर जाते हैं। उर्वर शब्द धरा परकवित्व भावों के रसदार,सुस्वादु कवि की संवेदनाएंलेकर…

0 Comments

सावन आया

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* पावन सावन-मन का आँगन... देखा मैंने जब खिड़की से कि सावन आया है,बारिश की बूंदों को संग में लेकर सावन आया है। चली पवन ठंडी मतवाली,…

0 Comments

चंद्रयान-३ की उड़ान

डॉ. रामवृक्ष सिंहलखनऊ (उप्र)******************************* चंद्रयान‌ श्रीहरिकोटा से चला चांद की ओर,अनुगुंजित थीं सभी दिशाएँ, मचा ग़ज़ब का शोर। रॉकेट का वह तुमुल नाद वे भारत के जयकारे,पुलकित थे आबाल वृद्ध…

0 Comments

उपवन है खिला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* आया सावन मास शुभ, रिमझिम वृष्टि फुहार।हरितिम उपवन है खिला, सुरभित बहे बयार॥ महका उपवन फूल से, खिलते चारु गुलाब।मधुर मिलन विरही युगल, कशिश…

0 Comments

सावन-सुरंगा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सरस-सपन-सावन सरसाया,तन-मन उमंग और आनंद छाया। 'अवनि' ने ओढ़ी हरियाली,'नभ' रिमझिम वर्षा ले आया। पुरवाई की शीतल ठंडक,सूर्यताप की तेजी, मंदक। पवन सरसती सुर…

0 Comments