सूखती संवेदनाएं
डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** समय-समय पर अक्सर लोग,बातचीत मेंपरहेज़ रखते हैं,संवेदनाओं को दूर करतेनहीं थकते हैं। बातचीत बंद कर,अपने अहम् कोबांधे रखते हैं,इसी उधेड़बुन में…'अपने' पराए लगने लगते हैं। पहले आप;पहले तुम,यहाँ यही…