रंग भरी ये होली

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली आयी घूमकर,कहती सुंदर बात।प्रेम भाव अपनत्व का,अनुपम दें सौगात॥अनुपम दें सौगात,रंग हर समता लाए।मृदुवाणी के शब्द,सुने हर जन मुस्काए॥प्रेम…

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खुशियाँ लेकर आता रंगों का त्योहार

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )... रंग-बिरंगे रंगों का,यह उत्तम त्योहार हैवसंत पावन उत्सव का,सर्वोत्तम उपहार है। रंग-बिरंगे उपवन में,यह शोभित दिखताखूबसूरत त्योहार है,सब कहते हैंइसे खुशियों का संसार…

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एक प्रार्थना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** पुकारें सब तुम्हें प्रभु जी,मिटी जाती यहाँ धरती,तुम्हारी ही दया से थी,मगर अब ये नहीं सजती। अयोध्या और काशी को,वृन्दावन को मथुरा को, सजाया…

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तेरे प्यार में

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ जिन्दगी फंस गई मझधार में,चले आये प्रभु तेरे दरबार में। कैसे बचे दिलों में प्रीत यहाँ ?प्रेम खोता जा रहा संसार में। आँखों में अश्क़ रुकता नहीं,दिल…

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किताबें ऐसी भी होती हैं…

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)*************************************** दिल की नजर से,दिल के भाव समझोगहरी नजर बहुत,खामोश देखाई देगीयही पढ़ोगे,तो शायद,कई अनकही बातेंदिल को छू लेगीकुछ किताबें ऐसी भी होती हैं। कभी मजबूरी होती है,नहीं कह…

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करो वंदन जग जननी को

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’बारां (राजस्थान)******************************** करो वंदन तुम,जग जननी को,जिसने जन्म,इस जग को दियाकरो पूजन,इस नारायणी का।जिसने नारायण,पैदा किया। सच्चे मन से,यह निभाती धर्म,बेटी,बहिन,पत्नी के रूप मेंनहीं देख पाती,सन्तान के आँसू,यह…

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बस लिखना है…

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)****************************************** मैं कवि हूँ,कविताएं लिखता हूँ,सुनाता हूँ,मेरी लेखनी बेबाक,कुछन कुछ कह जाएगीलोगों की सम्पत्ति संजो कर भी ढह जाएगी,मेरी लेखनी की ज़ुबान थाती बन कर रह जाएगी।…

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एकांत

संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** प्रथम चरण एकांत काधड़कन मेरी सुना रहा,धुन देह क्रिया का मेरीमंद-मंद गुनगुना रहा। सांकल से बांधा जीवनखूंटा घर का द्वार हो,लोभ-प्रलोभ मानो जैसेतेरी खरपतवार हो। यज्ञोपवित की…

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सताना ना

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** न दे ताना,सुनो जानाजरा बैठो,तभी जाना। न याराना,हमें मानासुनाओ ना,वही गाना। बने साना,बहाना नाकरो ऐसे,चले आना। सताना ना,रुलाना ना।दिवाने हैं,भुलाना ना॥ परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८…

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फिर टेसू मुस्काया…

एम.एल. नत्थानीरायपुर(छत्तीसगढ़)*************************************** ठूँठ हो चुके पेड़ पर ही,फिर छाई हरियाली हैऋतुओं ने अंगड़ाई ली,हर तरफ खुशहाली है। पीताम्बरी परिधान पहने,हवाओं में गुनगुनाते हैंलाल केसरिया रंगों को,लिए टेसू मुस्कराते हैं। कोयल…

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