चरित्र बल

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** शहर के बड़े कालेज में भौतिकी विषय के व्याख्याता पद हेतु छोटे से गाँव के अमन ने भी आवेदन किया था। ३ पद के लिए लगभग ४५ उम्मीदवार आए थे। एक-एक कर सभी के साक्षात्कार के बाद ३ उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया था। सभी उम्मीदवार जा चुके थे,किन्तु … Read more

प्रचार की पराकाष्ठा

मीरा जैन उज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** कड़कड़ाती ठंड मे चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार रमनलाल के आज तीसरी हाथ पैर बेतहाशा ठंडे हो अकड़ रहे थेl साथी कार्यकर्ता उन्हें बार-बार गर्म-गर्म चाय-काफी पिला सामान्य करने के प्रयास में पुनः सफल हो रहे थे,तभी करीब खड़े वृद्ध मतदाता ने हिदायत देते हुए कहा-“बेटा! तुम्हें ठंड सहने की आदत … Read more

फ़र्क

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “रमा बहन,आजकल आप दिखाई नहीं देतीं,कहां व्यस्त रहती हैं ?” “अरे उमा बहन,बात यह है कि मेरी बेटी एक माह के लिए मायके आई हुई है,तो उसी के साथ कम्पनी बनी रहती है।” “पूरे एक माह के लिए ?” “हाँ,बिलकुलl” “अरे बेटियां ससुराल में पिसती रहती हैं,तो उन्हें आराम … Read more

सरकार गिर गई

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************* बलवंतसिंह जल्दी-जल्दी में हांफता-सा आया और बोला,-“सरकार! सरकार! माँ सरकार गिर गई।” यह कह कर वह उल्टे पांव लौट गया। नेताजी नाश्ता कर रहे थे,जोरों की भूख लगी थी। नाश्ता देरी से लाने पर उन्होंने किसना को भी डांट लगा दी थी,पर अभी, ‘सरकार गिर गई’ कहने से उनकी पूरी … Read more

खरी बात

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** “वह देखो शर्मा जी कितने खुश रहते हैं।” “कितने संतुष्ट रहते हैं।” ” आनंद से कितने लबालब रहते हैं।” “पति-पत्नी में आपस में कितना अधिक प्रेम है।” “उनके बच्चे भी उनकी कितनी अधिक बात मानते हैं।” “बिलकुल सही है।” “हम दोनों उनसे कितने ऊंचे ओहदों पर हैं,हमारे पास पैसा … Read more

मसीहा

सोमा सिंह ‘विशेष’ गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************** आज का दिन बिंदु के लिए खास है और हो भी क्यूँ नहीं,पिछले दस वर्षों मे उसने दिन-रात एक कर दिए थे अपनी रिसर्च को पूरा करने में। और अब जब उसने मस्कुलर डिसट्रोपी की वैक्सीन खोज ली है तो भारत ही नहीं,विश्वभर के मरीजों की मसीहा बन गई है … Read more

शर्त

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* शर्मा जी और वर्मा जी,आपस में पड़ोसी थे। साथ खेले,साथ पढ़े। परिवार में सौहार्दपूर्ण संबंध थे। आना-जाना,खाना-पीना सभी कुछ। वर्मा जी अपने मित्र,शर्मा जी से कहते हैं-“यार,आज का अखबार पढ़ा क्या ? तंबाकू,सिगरेट,शराब,खर्रा इनसे हजारों लोग तबाह हो रहे हैं। मर रहे हैं। फिर भी स्वास्थ्य के प्रति … Read more

कामवाली बाई

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** “मम्मी! मेरा रुमाल,कल ही तो मेज पर रखा था। आज नहीं है।” शानू तमतमाई-सी बोली। “ओह! तुम्हें कभी मिला है जो आज मिलेगा,ठिकाने पर रखो तब न।” मैं बड़बड़ाती रसोई से बाहर निकली और दूसरा रूमाल अलमारी में से निकाल कर दिया। “जल्दी दो,देर हो रही है।” वह रूमाल मेरे … Read more

वो कामवाली

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* वो १५-१६ साल की साधारण-सी दिखने वाली लड़की थी।पहनावे और व्यवहार से गरीब और असहाय दिख रही थी। दवाई की दुकान में आकर चुपके से खड़ी होकर,अपनी बारी का इंतजार करने लगी। दवाई दुकान वाली मैडम को खाली देखकर बोली-“मेरी माँ दो दिनों से बुखार में तप रही … Read more

मासूम की समझ

रणदीप याज्ञिक ‘रण’  उरई(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************** ६ वर्षीय गुनगुन अपने विद्यालय का होमवर्क कर रही थी। होमवर्क में-केले के छिलके,सोता हुआ व्यक्ति और पैदल चलते व्यक्ति के चित्र बने थे,जिन्हें-कूड़ेदान,बैडरूम तथा फुटपाथ के चित्रों से पेन्सिल से मिलाना थाl गुनगुन ने पापा की मदद से उन्हें सही-सही मिला दिया,केले के छिलके-कूड़ेदान,बैडरूम-सोता हुआ व्यक्ति एवं फुटपाथ -चलता … Read more