रखा आत्मा को जिंदा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** खून सने हाथों से मैं भी अगर रोटियाँ खा लेता, नोटों की बारिश हो जाती अगर भाट बन गा लेताl लाख सहा दुख मैंने लेकिन रखा आत्मा को जिंदा- वरना थोड़े से ज़मीर के बदले सब कुछ पा लेताll परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर … Read more

नहीं यह देश है उसका

पंकज भूषण पाठक ‘प्रियम’ बसखारो(झारखंड) *************************************************************************** आंदोलन के नाम पे क्या,तुम सारा देश जला दोगे ? घुसपैठियों की ख़ातिर क्या,घर की नींव हिला दोगे ? शासन से मतभेद अगर है,आसन से तुम बात करो- अफ़वाहों के भीड़ तंत्र में,क्या लोकतंत्र झुठला दोगे ? गुंडागर्दी भेड़चाल में क्या,सब-कुछ आग लगा दोगे ? गंगा जमुनी तहज़ीब भुला,खुद … Read more

चंद्रशेखर आजाद

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. तिवारी कुल का दीपक था,सुभागी मात जगरानी! व सीताराम जी पितु थे,निवासी भाँवरा मानी! जुलाई जन्म का महिना,सदी थी बीसवीं सन छ:! मिली खुशियाँ सखे घर में,तिवारी मौज पहचानी! गुलामी देश की अखरी,बने वे क्रांति सेनानी! सखे बिस्मिल सरीखे थे,भगत से संग दिलदानी! करें आजाद … Read more

बसंत की सुगंध

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ बसन्त की पाकर के सुगन्ध अलसी देखो लगी अलसाने, फूली सरसों हाथ पीले कर लगे खेत-खलिहान महकने। चना मटर फलियों से लदगद प्रसन्न कृषक लगे चहकने, गेहूं फूले बालियों से भर गये दौड़ी हवा देख मुस्कराने॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान … Read more

तिरंगा हर पल निर्णायक हो मेरा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी का युद्ध लड़ा था, बाल युवा वृद्ध मिलकर जिसके नीचे तनकर खड़ा था। क्यों न वही तिरंगा झण्डा हर पल निर्णायक हो मेरा- हम कितने कर्तव्यनिष्ठ हैं लगाते देश के लिए नारा। परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में … Read more

क्यों न रोक पाते हैं ? ?

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हर गणतंत्र दिवस शक्ति राजपथ पर हम दिखलाते हैं, नभ थल जल औरद शत्रु पराक्रम से हमारे थर्राते हैं। पर आए दिन सैनिक शहीद बच्चे घर पर अकुलाते हैं- अब प्रश्न यही खड़ा है शव गिनना क्यों न रोक पाते हैं ? ? परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ … Read more

महँगाई

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अब तो सुन लो ओ कन्हाई, खूब बढ़ी है अब महंगाई धनवान अति धनी हुए हैं- निर्धन की है आफत आई। बूढ़ी माँ क्यों कराह रही है, भूखे बच्चे सुला रही है महँगाई दम तोड़ रही है- झूठी लोरी सुना रही है। कब तक यह परीक्षा लोगे, कब तक दारुण … Read more

राष्ट्रहित धर्म का पहले पालन होना चाहिए

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ संसद से पारित कानूनों का सम्मान होना चाहिए, सभी धर्म पंथ समुदायों का भी मान होना चाहिए सबसे ऊपर गौरवशाली मातृभूमि के लिए मित्रों- राष्ट्रहित धर्म का सबसे पहले पालन होना चाहिएl परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर … Read more

गाँव

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** सुंदर सुषमा से भरा हुआ, था नदियों में जल भरा हुआ। धारे नौले नहरें सारी जल- भरी,बाग फल भरा हुआll पनघट जल की धाराएं थी, सुंदर तड़ाग में लहरें थी। फल-फूल भरे उपवन सारे- खलिहानों में हरियाली थीll जाड़ों में गेहूं हरियाली, फिर सरसों पीली मतवाली। बालें सोनी-सी ‌‌गेहूं की- … Read more

सबल हुई बेटियाँ

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  ज़ुल्म सह के भी तो नेह बो रहीं हैं बेटियाँ, ज़िम्मेदारियों का बोझ ढो रहीं हैं बेटियाँ। सबल हुयीं सफ़ल हुयीं मुसीबतों को झेल कर, धीरे-धीरे चल के आगे हो रहीं हैं बेटियाँ॥ परिचय-सुश्री अंजुमन मंसूरी लेखन क्षेत्र में साहित्यिक उपनाम ‘आरज़ू’ से ख्यात हैं। जन्म ३० … Read more