आमने-सामने

आशुतोष कुमार झा’आशुतोष’  पटना(बिहार) **************************************************************************** तीन रंगों का तिरंगा प्यारा तीन अंगो की सेना है, हवा में दिख रहा परचम हमारा जल-थल अभी बाकी है। हर घर में वीर है यहाँ हर जिस्म में दौडता लहू, जिनको प्राणों से देश प्यारा है रग-रग में बसा कश्मीर प्यारा है। आजाद भारत की कहानी वीरो की गाथा … Read more

सलाम

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ***************************************************************************  सलाम है उनको, जिन्होंने धमाल कर दिया जान की बाजी लगा कर, दुश्मन का तमाम कर दिया। दुश्मन के घर जाकर, दुश्मन को मार गिरा कर इस देह धरा को अमर कर दिया। है तुमको नमन, तुम्हारी शौर्य की गाथा आज फिर अमर हो गई, तुमने अपने साहस का पराक्रम दिखाया। … Read more

तेरा इंतज़ार

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’ चंदौली(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************************** मैं तुझे प्यार बेशुमार करता हूँ तुम खफा ना हो जाओ इसलिए मैं डरता हूँ। तुझे देखने को तरसे मेरी आँखें, मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ। छुप-छुप के झरोखों से देखा करता हूँ, तुम गुजरो गली से दुआ मैं करता हूँ। भर नजर देख लूं तो चैन … Read more

कुर्बानी

डॉ.लता अग्रवाल भोपाल(मध्यप्रदेश) *************************************************************** झुका है सिर आज, तुझको नमन के लिए। दी है जो कुर्बानी , तूने वतन के लिए। छलकी है आँख तना है सीना, तिरंगे में लिपटे बदन के लिए। लगा कर टीका, किया था विदा, दुश्मनों के शमन के लिए। थी जरूरी शहादत तेरी, चमन के लिए। मांगती है माँ भारती, … Read more

मैं नारी

डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** भोर की प्रथम किरण का कर स्पर्श, चलती रहती हूँ मैं। किरणों के बढ़ते कद तक, ढलते-ढलते किरण-पाख सिमट जाती तब चलती हूँ मैं। चंद्रकिरण के संग, मध्य रात्रि तक आते-आते जब चाँद भी लगता सिमटने, समेट कर अपने पाँव पेट में अपने ही, मैं भी थम जाती हूँ। कुछ … Read more

समर्थन

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** ‘विधवा’ शब्द कहना कठिन, उससे भी कठिन अँधेरी रात में श्रृंगार का त्याग, श्रृंगारित रूप का ‘विधवा’ में विलीन होना… जीवन की गाड़ी के पहिये में, एक का न होना चेहरे पर कोरी झूठी मुस्कान होना। घर-आँगन में पेड़ झड़ता सूखे पत्ते, ये भी साथ छोड़ते जीवनचक्र की भाँति, सुना … Read more

नारी हूँ मैं

नेहा लिम्बोदिया इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************** कई रूप हैं मेरे, कभी चंचल चाँदनी कभी गंभीर गहराई लिए हूँ। कभी शांत समुद्र-सी, लेकिन लिए हलचल बहुत हूँ। सृष्टि का आधार भी मैं हूँ, और इसको सँवारने वाली भी मैं हूँ। क्या बोलूँ ? क्या हूँ मैं…? बस एक नारी हूँ मैं…, बस एक नारी हूँ मैं…॥

सबला

अविनाश तिवारी ‘अवि’ अमोरा(छत्तीसगढ़) ************************************************************************ युगों-युगों से सहते आये नारी की व्यथा करुणा है, अबला नहीं अब सबला है,ये दुर्गा लक्ष्मी वरुणा है। द्रौपदी आज बीच सभा चीत्कार रही, कितनी सारी निर्भया खून के आँसू बहा रही। चीरहरण अब रोज होता कृष्ण नहीं अब आते हैं, छोटे-छोटे मासूम भी हवस की भेंट चढ़ जाते हैं। … Read more

धड़कन

वन्दना पुणताम्बेकर इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************* नौ महीनों का दर्द सहकर एक नया अंकुर खिलाती, उस गुंजन के कलरव से वह खुशियों से वह झूम जाती। उस खुशी का एहसास क्या होता…, एक माँ से पूछो॥ ममता की छाँव में अपने नौनिलो को लोरी की तान सुनाकर, मन विभोर करती फिर उस सूनी गोद का दर्द … Read more

माँ से बढ़कर कोई नहीं

महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़  ************************************************** माँ की ममता होती प्यारी,कोई जान न पाये। हर संकट से हमें बचाती,उसकी सभी दुआएँ॥ पल-पल नजरें रखती है वह,समझ नहीं हम पाते। टोंका टांकी करती है जब,हम क्यों गुस्सा जाते॥ भूखी-प्यासी रहकर भी माँ,हमको दूध पिलाती। सभी जिद वह पूरी करती,राह नई दिखलाती॥ सर्दी गर्मी बरसात में,हर … Read more