जल ही जीवन
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जल है तो ही कल है, जल से जीवन उज्जवल है। जल से जीवन का अस्तित्व, जल से ही संसार सकल है॥ जल से ही सब…
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जल है तो ही कल है, जल से जीवन उज्जवल है। जल से जीवन का अस्तित्व, जल से ही संसार सकल है॥ जल से ही सब…
सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना............. हे राजमहल के राजवंशी,अब वंशी तान देना बंद करो, खादी के वेष में बैठे रहनुमा,सुरक्षित बेटियों का प्रबन्ध करो। बदल दो…
गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... हे प्रणम्य ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जी- अच्छा ही हुआ,आज आप नहीं रहे, नहीं तो अश्रुसिक्त नयन से आप बोले होते- संघर्ष भूल…
डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* रिश्तों का स्वेटर बुनकर जालीदार, डिजाइन बनाकर झालरदार लेस लगाती हूँ। हर रोज रिश्ते को देती हूँ नया नाम, बुनती हूँ एक नया रिश्ता सुबह और…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** आँखें बता रहीं हैं कि इनकार है नहींl शायद लबों ने झूठ कहा प्यार है नहींl दिल हारने का भी सुनो अपना ही है…
मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... मेरी अस्मत से खेल कर, क्यों हो बार बार जिंदा ? जबकि,मैं हर बार मर जाती हूँ, मैं बेटी हो कर शर्मिंदा हूँ!…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** `दिशा` काली बनकर आओ ना, पाप बढ़ा है पवित्र धरा पर आकर तुम ही इसे मिटाओ ना, `दिशा` काली बनकर आओ ना। पापियों का संहार…
मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ तुम हमेशा वैसे ही थे जैसे आज हो, क्यों मैं समझती रही तुम अलग हो। मैंने तुम्हें हमेशा ही दिखाये फूलों से लदे हरे-भरे पेड़, तुमने…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना............ हाँ,जन्म से पहले, तुम्हारा परिचय था तो सिर्फ नारी की कोख से था जिसमें तुम पल रहे थे, भ्रूण बन कर। जन्म के…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना................. कितनी निर्भया कितनी बालिकाएं, कितनी प्रियंका कितनी नन्हीं जान। न्याय माँगे बेटियाँ माताओं की आन, सुधार तत्परता सजा की है…