संकल्प

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** लगभग २ साल से वर्षा न होने के कारण असम के सभी चाय बगानों में सूखे की स्थिति बनी हुई थी। शाह जी इसी बात को लेकर…

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शिवजी आए द्वार हमारे

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* दोपहर का समय था... "आंटी जी! आंटी जी! इतना लम्बा सांप! जल्दी बाहर आओ..." घबराई-सी प्रियंका की आवाज आई। मैं रसोई में थी, सांप का नाम सुनकर…

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तेरी-मेरी कहानी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* "हैप्पी वेलेन्टाइन डे, माय डियर, एंड आय लव यू।" कहते हुए सुनील ने एक रेड रोज पत्नी रत्ना के हाथ में दे दिया।"आय लव यू टू,…

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सम्मान की शॉल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* वह सर्दी की एक रात थी। शहर के समीप के कस्बे में कवि सम्मेलन का आयोजन था। शरद के जीवन का वह पहला कवि सम्मेलन था।…

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चुन्नू की अच्छी सोच

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** एक बार चुन्नू पड़ोसी के घर में रखे दहेज के सामान को देख रहा था।;फ्रीज, कूलर, कुर्सी, टेबल, सोफ़ा सेट, अलमारी सभी सामान अभी बाहर ही रखे…

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नई शुरुआत

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* 'चलो,जैसे साल बीता,वैसे गिले-शिकवे की बीती बातें भूल जाओ! क्यों हठ करती हो बच्चों जैसी ? इतने साल बीत गए हैं साथ रहते,हम दोनों उन्हीं किनारों…

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बैसाखी

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** "अब खा भी लो सुलभा,कल से तुमने कुछ भी नहीं खाया है.. तुम्हें इस तरह ख़ामोश देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता..क्या हुआ कल वेद का कॉल…

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ममता का आँचल

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… बुजुर्ग दया बहुत गरीब थी। अकेली रहती थी, बस मिट्टी से घड़े,दीपक आदि बना कर कैसे भी गुजर-बसर करती थी। पिछले साल…

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पश्चाताप

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** रक्षाबंधन विशेष........ "राधा…सुन..! ये मोर पंख वाली राखी तुझे अच्छी लग रही थी न..! ले…लेजा इसे अपने भाई को बांधना… I" वेदिका ने पिछले साल की राखी अपनी…

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मैं जीत गई

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज मिश्रा जी के घर में फिर हलचल दिखाई दे रही थी । हर चार-पांच महीन बाद ऐसा माहौल रहता,फिर शान्त हो जाता । मेरे पड़ोसी थे।…

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