‘साब’ का मूड

अरुण अर्णव खरे  भोपाल (मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मूड-एक ऐसा शब्द है,जिससे हम सभी का वास्ता एक बार,दो बार नहीं,अपितु अनेक बार पड़ा है और इसके अनुभव भी कभी सुखद,कभी दुखद तो कभी कष्टप्रद हुए होंगेl यदि आप अफसर हैं,या रहे हैं तो यह बात कभी न कभी,किसी न किसी माध्यम से आपके कानों तक जरूर पहुँची … Read more

प्रेम दिवस पर प्रेमियों से आव्हान

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** मैं प्रेमी हूँ,इससे समाज वालों के पेट में दर्द क्यों होता है। दर्द होता है तो हो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आखिर प्रेम भी तो ईश्वर का दिया गया उपहार है। रामायण,महाभारत के काल से आज तक प्रेम भी मृत्यु की तरह शाश्वत है,पर ये कटु सत्य है … Read more

ये कोई बड़ा-अड़ा दिन नहीं होता…

कमल किशोर दुबे कमल  भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… आज हमारे पड़ौसी खबरीलाल जी सुबह-सुबह हमारे घर आये। आते ही बोले-“कलमकार,बड़ा दिन मुबारक हो!” मैंने चौंकते हुये पूछा- कैसा बड़ा दिन ? कौनसा बड़ा दिन ?? खबरीलाल तुम होश में तो हो ? इस पर खबरीलाल कुछ अकड़ते हुए बोले-कलमकार,लगता है आप … Read more

बहाने की बात ही और है जनाब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मेरे दौर में एक गाना गूंजता था,जो प्राण साहब पर फिल्माया गया था-“कस्मे- वादे प्यार-वफ़ा सब वादे हैं,वादों का क्या ?”। इसी तरह से एक और गाना इसके बाद फ़िजां में गूंजा था-“पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए।” तो ये गाने सुनकर मैंने पक्की धारणा बना ली थी … Read more

आह विवाह! वाह विवाह…

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** ‘शादी वह लड्डू,जो खाये वो पछताये, जो न खाये, वो भी पछताये’, ‘शादी न बाबा न,शादी तो बर्बादी है,खो जाती आज़ादी है’, ‘आत्महत्या करने की हिम्मत न जुटा सका,तो शादी कर ली’, पिता जी,क्या गधे भी शादी करते हैं, “हाँ बेटा,गधे ही तो शादी करते हैं”, “मन शान्ति कब महसूस … Read more

राजनीति में बीज गणित का सवाल-महाराष्ट्र

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** राजनीति करने वाली ताकतें सच में बेहद ताकतवर होती हैं। हम सोच भी नहीं सकते, उससे भी ज्यादा ताकतवर होती हैं। सिर्फ ताकतवर ही नहीं होती है,देश को जोड़ने, तोड़ने के साथ सरकारों को बनाने,बिगाड़ने और दिग्भ्रमित करने का इनमें अप्रतिम कौशल होता है। सरकार बनाना कोई मजाक या बच्चों … Read more

दिवाली क्या गई,जीना हराम कर गई

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** दिवाली वैसे तो खुशी का त्योहार है,हर कोई चाहता है कि, उसके जीवन में दिवाली आए,पर कुछ लोगों को लगता है कि भगवान करे इस बार दिवाली नहीं आए,क्योंकि दिवाली आने के पहले ही उनको तनाव शुरू हो जाता है,और दिवाली के बाद तो उनका जीना हराम हो जाता है। … Read more

नाउ,नो मोर नेतागिरी…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** जब हम स्कूल में पढ़ते थे,और एन.सी.सी में ट्रेनिंग करने जाते थे,तो हमें सिखाया जाता था कि नेता का मतलब होता है-वह जो कि नेतृत्व कर सके,ग्रुप को लीड कर सके! और बताया गया था कि ये गुण हर आदमी में होना चाहिए! तो मुझे नेता शब्द से बहुत … Read more

नियम तो एक सजा है

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** हम भारत के लोग हमेशा से नियम तोड़ने में विश्वास रखते हैं। नियम में रहे तो क्या जीवन। जीवन तो अलमस्त हो,तभी मजा है। नियम तो वैसे भी गले में रस्सी जैसा होता है। साला एक सीमा में रहो,इससे ज्यादा कुछ मत करो,पर हम तो कुछ अलग करने में विश्वास … Read more

कवि हैं हम

मच्छिंद्र भिसे सातारा(महाराष्ट्र) ********************************************************************************** अच्छा हुआ नेता नहीं हूँ, जो चुनाव में भी चूना पान को नहीं, भोली जनता को लगाते हैं। हम सम्मान से नहीं, शब्दों से शान बढ़ाते हैं वह कवि हैं हम, जीवन सुख-दु:ख के गीत हम गाते हैं। नेता और कवि एक मंच पर जब भी मिलते हैं, एक वचनों से … Read more