चंद्रशेखर आजाद

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष……….. तिवारी कुल का दीपक था,सुभागी मात जगरानी! व सीताराम जी पितु थे,निवासी भाँवरा मानी! जुलाई जन्म का महिना,सदी थी बीसवीं…

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बसंत की सुगंध

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ बसन्त की पाकर के सुगन्ध अलसी देखो लगी अलसाने, फूली सरसों हाथ पीले कर लगे खेत-खलिहान महकने। चना मटर फलियों से लदगद प्रसन्न कृषक लगे…

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तिरंगा हर पल निर्णायक हो मेरा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ जिस तिरंगे के नीचे हमने आजादी का युद्ध लड़ा था, बाल युवा वृद्ध मिलकर जिसके नीचे तनकर खड़ा था। क्यों न वही तिरंगा झण्डा हर…

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क्यों न रोक पाते हैं ? ?

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हर गणतंत्र दिवस शक्ति राजपथ पर हम दिखलाते हैं, नभ थल जल औरद शत्रु पराक्रम से हमारे थर्राते हैं। पर आए दिन सैनिक शहीद बच्चे…

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महँगाई

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अब तो सुन लो ओ कन्हाई, खूब बढ़ी है अब महंगाई धनवान अति धनी हुए हैं- निर्धन की है आफत आई। बूढ़ी माँ क्यों कराह…

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राष्ट्रहित धर्म का पहले पालन होना चाहिए

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ संसद से पारित कानूनों का सम्मान होना चाहिए, सभी धर्म पंथ समुदायों का भी मान होना चाहिए सबसे ऊपर गौरवशाली मातृभूमि के लिए मित्रों- राष्ट्रहित…

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गाँव

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** सुंदर सुषमा से भरा हुआ, था नदियों में जल भरा हुआ। धारे नौले नहरें सारी जल- भरी,बाग फल भरा हुआll पनघट जल की धाराएं थी,…

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सबल हुई बेटियाँ

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  ज़ुल्म सह के भी तो नेह बो रहीं हैं बेटियाँ, ज़िम्मेदारियों का बोझ ढो रहीं हैं बेटियाँ। सबल हुयीं सफ़ल हुयीं मुसीबतों…

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फाग

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* राकेश-रश्मियों ने भोर को सजा दिया, दिनकर ने आकर स्वर्णिम रंग लूटा दिया, चहुँ ओर खग-कलरव संगीत बन गूँज रहा- मधुरिम प्रकृति ने सुखद फाग…

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नहीं घुसपैठियों को माफ करना

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ बिखरकर फूल बागों के झड़ेंगे, अकारण लोग आपस में लड़ेंगे। अगर कुछ सख़्त हो कानून मित्रों- करेंगे जो उपद्रव वो सड़ेंगे। न भारत बन्द…

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