अहसास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** `कोराना` सम व्याधि बहु,मनुज नहीं अहसास। हरित भरित सुष्मित प्रकृति,करता सत्यानासll लोभ मोह में जिंदगी,छल कपटी बस झूठ। प्रेम सत्य अहसास बिन,प्रकृति गयी…

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कुछ ही दिनों की तो बात है

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* 'कोरोना' वुहान से चलकर, विश्व-भ्रमण करते हुए आया जो भारत, जहाज में बैठ कर। और दे दी हमें चुपचाप, युद्ध की चुनौती। हम लड़ेंगे, और…

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हिन्दी और उसकी बोलियाँ

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** १४ सितम्बर १९४९ को हिन्दी को भारतीय गणतंत्र की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। अंग्रेजी को पन्द्रह वर्षों अर्थात् १९६५ तक सह राजभाषा…

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बीता दिन अब

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** दिन गया बीत, अब सांझ गीत। जल उठे दीप, जल तृषित सीप। पंछी अधीर, बह रहा नीर। अति नियति क्रूर, अति महल दूर। हैं थकित…

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करें पूजा-अर्चना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** राम नवमी- करें पूजा अर्चना, सकल धर्मी। उदित रवि- मन-बसी राम की, सुंदर छवि। प्रभु श्री राम- सबके बनातें हैं, बिगड़े काम। खड़े…

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सही उपयोग करो जल का

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** धरती सब सूख गयी, कहाँ से हरियाली आएगी ? बूंद-बूंद पानी को तरसे, कैसे हरियाली छाएगी ? जगह-जगह पर खुदे कुआँ, जगह-जगह गडढे किए।…

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जागते एहसास

डॉ. रीता कुमारी ‘गामी’ मधुबनी (बिहार) ********************************************************************************* गुमसुम-गुमसुम रहनेवाला, नहीं हँसने,नहीं रोनेवाला टुकुर-टुकुर आँखों से... नील गगन निहारा करता, नजरें मिल जाने पर मौन-विद्रोह किया करता। गूढ़ रहस्य...!!! इन दिनों…

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‘कोरोना’ भगाना है

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* सुनो भाईयों नारा ये, जन-जन तक पहुँचाना है। 'कोरोना' हराना हमको, कोरोना भगाना है। सुनो भाइयों नारा ये, जन-जन तक पहुँचाना है। कोरोना हराना…

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जीतेगा मानव

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ साहित्यिक गतिविधियाँ,सुन्दर काज। इससे कुसुमित होता,रहा समाज॥ सबके हित की बातें,यहाँ प्रधान। रचनाकारों का है,कार्य महान॥ तुलसी दल के जैसे,सब गुणवान। छोटे और बड़े…

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मिलकर मार भगाओ ये ‘कोरोना’

अरशद रसूल, बदायूं (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* जग में मचा हुआ है रोना-धोना, मिलकर मार भगाओ ये 'कोरोना।' छोटा बच्चा है या कोई बड़ा है, कैद हर शख्स घर में ही पड़ा…

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