जीवन सफल बनाएगा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नारी का मुश्किल जीवन नर का सामर्थ्य बढ़ाएगा, सहनशक्ति की सबल मूर्ति से कौन भला टकराएगा। कभी सफलता को पाकर मदहोश नहीं होना यारों, लाख ढँके बादल फिर भी सूरज दिन लेकर आएगा। आज नहीं तो कल मुझको मेरी मंजिल मिल जाएगी, किन्तु राह में बहुतों चेहरों से नकाब उठ … Read more

दहेज़

डॉ.रामावतार रैबारी मकवाना ‘आज़ाद पंछी’  भरतपुर(राजस्थान) ************************************************************************************************ आज भी लोग सरेआम दहेज़ लेते हैं, पर वो नालायक है बेटी वाले जो दहेज़ देते हैं फिर जिंदगीभर लोगों के सामने रो-रोकर कहते हैं, कि बेटे वाले मेरी बेटी को दु:ख देते हैं। दबा देते हैं बेटियों को दहेज़ के तले, फिर बेटियाँ जिंदगी भर रोती हैं … Read more

इंतजार-मीठा अहसास

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** इंतजार के एक-एक पल कितने मीठे होते हैं, जिनमें तुम होती हो और होती है तुम्हारी मीठी यादें, तुम्हारे दिल से निकले बेबाक शब्द जो फूटते हैं तुम्हारे होंठों से, किसी मीठे झरने की उन बूंदों की तरह, जो दौड़ पड़ती है, अपने प्रियतम सागर से मिलने के लिए, अपना … Read more

चुनाव का मुद्दा

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** पक्ष-विपक्ष में बनते मुद्दे घोटालों के बनते मुद्दे, चारा घोटाला हो या कोयला घोटाला, दलदल में फँसी है राजनीति। भगौड़े बन जाते प्रवासी जगत में उतरते, वो करोड़ों का घोटला बनता है एक मुद्दा। रेलियों की लगी बड़ी होड़ पक्ष-विपक्ष के हाथों में, आए हैं अपने-अपने झण्डे, कच्चे चिठ्ठे मुँह के … Read more

अर्ध नारीश्वर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** तू नारी हम पुरुष, तू जीवन हम रूह तू जननी हम सर्जक, तू नव किसलय हम तरु तू श्रद्धा हम साधक, तू लज्जा हम वाहक तू ममता हम नायक, हम नौका तू पतवार तू करुणा हम साहस, तू कशिश हम अहसास, हम जीवन तू मुस्कान तू शक्ति हम … Read more

सागर

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* सब नदियों का मीठा पानी, सागर में ही आता है। इसमें क्या गुण है ऐसा, जो ये खारा ही रह जाता है। मीलों तक फैला है फिर भी, प्यासा ये रह जाता है। इंसानी फ़ितरत भी ऐसी, सागर जैसा बन जाता है। अपने प्रिय की आँखों में, जो आँसू … Read more

आसमानी

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* चखना चाहती हूँ, नीले आसमाँ को। क्या वो भी होता होगा! सागर की तरह खारा। लहरें कभी मचलती होंगी वहाँ भी, चाँद के तट पर बैठकर, छूना चाहती हूँ लहरों को। कोई संगीत तो वहाँ भी, जरूर गुनगुनाता होगा। नर्म रेत पर कोई , अपने प्रेयस का नाम लिखता होगा। अपनी … Read more

नेताजी

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** देखो सज-धज कर नेताजी आए हैं, सब जन हेतु साथ खुशियां लाए हैं, देखो सज-धज कर नेताजी आए हैं, दर्शन इनके पाँच साल में हो पाए हैं, काका-काकी दादा-दादी दौड़े आओ, संग पड़ोसियों को तुम जोड़े लाओ, मिले भाग्य से हमें नेताजी के साए हैं, देखो सज-धज कर … Read more

जीत का लालच…

हेमा श्रीवास्तव ‘हेमाश्री’ प्रयाग(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* ओढ़ छतरी लोकतंत्र की जा पहुचे संसद नेता जी नोट गिनें और ओट लूटे बढ़ी समस्या जनता की। करते मत का हैं दुरुपयोग कुछ शकुनी दुर्योधन लोग सत्ता की चाबी हथिया कर करते माल की लूटखसोट। सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत फिर भी जनता में महाभारत कौन ? यहाँ पर सगा … Read more

मैं गम लिखता हूँ

उज्जवल कुमार सिंह ‘उजाला’ नजफगढ़(नई दिल्ली) ****************************************************************** कलम की नोक से कागज की कोख पर, कहानियाँ जवानी की मजबूरियाँ दीवानी की, मन के गुबार को हरदम लिखता हूँ कागज को चिपकाकर छाती से,उस पर गम लिखता हूँl मगरूरियत जहां में है मजबूरियाँ कहाँ पर है, प्यार जब परवान चढ़े जुगनू आसमान चढ़े, उसको ये पता … Read more