पछतावा होगा तुझे
अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** आग में घी डालना है,भीड़-भाड़ का बढ़ाना, हिम्मत जो हार गया,भट्टा बैठ जाएगा। नींद रातों की हराम,एक दिन होगी प्यारे, कोई पूछने को तेरे,पास नहीं आएगा॥ भीड़ का जो भाग बना,परिणाम होगा यही, किससे कहाँ से कब,रोग तू लगाएगा। पछतावा होगा तुझे,बात नहीं मान कर, रोएगा ‘अनन्त’ आँसू … Read more