महादेव, करो नमन स्वीकार

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** हे देवों के देव महादेव, करो मेरा नमन स्वीकार,दे दो आशीष मुझे ऐसा, महिमा लिखूँ मैं अपरम्पार। हे सृष्टिकर्ता महादेव, गुण गाऊँ मैं बारम्बार,रचित हुआ है तेरे…

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तलाश

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** उम्र की अपनी फितरत है,वह किसी से गुफ्तगू नहीं करती हैकिसी ख़ास से भी,मशवरा नहीं करती हैसांझ की आहटों से ही,कुछ-कुछ पता चलता हैख्वाहिशों को अब पंख न मिलें,की…

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नर-नारी अब समान

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** नर-नारी अब एक समान,दोनों के ही एक परिधान,सिंदूर न टीके का ध्यान,दिन और रात एक समान। बदला जीवन विधि-विधान,माता-पिता को है संज्ञानविश्व में चलन चढ़ा…

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ये जीवन है एक वरदान

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* क्या सोचा था,क्या है पायाक्या कहना है,समझ ना आया। संयम से धागे को पिरोना,टूट ना जाए रिश्तों का कोनाबाद में नहीं पडे़ पछताना,यह बात है खुद…

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भाषा पर चिन्ता प्रकट करता समाज

भाषा और संस्कृति के अंर्तसंबंधों पर भारतीय मनीषियों ने हर एक समय-काल में चिंतन किया है। उस चिंतन को अपने वक्तव्यों, विमर्शों, लेखन और संवादों द्वारा समाज तक पहुँचाने की…

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बड़ा गुनाह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बड़ा गुनाहमिले ऐसी सजाना दें पनाह। कैसा समयतार-तार अस्मितातोड़ा सम्मान। ये लोक-तंत्र!बुरा विचार-आगस्त्री कब तक? ये कैसी हिंसा ?लूट रहे अमनभूले अहिंसा। जरूरी न्यायना हो हैवानियतना हो…

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सरिता बहे हित में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सरिता बहे जगत के हित में, सबको नीर दे।खेत सींचती,मंगल करती,सबकी पीर ले॥सरिता अपना धर्म निभाती, बहती ही रहे।कोई कितना कर दे मैला, सहती ही रहे॥…

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सावन बरसे, खुशियाँ घर-आँगन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन सावन-मन का आँगन... मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है,फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड़ भरा माँ का आँगन हैमहके खुशबू…

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पावन व पवित्र माह

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** पावन सावन-मन का आँगन... पावन पवित्र सावन,पवित्र भावनाओं को सहेजने वालीअनुपमा का अपूर्व सौन्दर्य है,उन्नत ईश्वरीय खोज कासुन्दर आभार लगता है यहाँ,मानों हम घोषित कर दिए गए दिग्विजय हैं,हमें…

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काबिले तारीफ

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** रीना बचपन से ही बहुत शांत स्वभाव की थी। उसका यह स्वभाव माँ के लिए बड़ी परेशानी की वजह थी, चूंकि पढ़ने-लिखने में बहुत अव्वल होने के…

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