३-४ अगस्त को राष्ट्रीय संगोष्ठी श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में

इंदौर (मप्र)। हिंदी साहित्य की सबसे पुरानी राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘वीणा’ और केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के संयुक्त तत्वावधान में आगामी ३-४ अगस्त को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इंदौर स्थित…

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‘सकारात्मकता’ ही मानसिक अवसाद का इलाज

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने संघर्षों से जूझ रहा है। एक से एक बढ़कर आकर्षित रहन-सहन, ऊँचे-ऊँचे पद पर स्वयं को आसीन करने की तीव्र…

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वाह रे! ओ खुदगर्ज इंसान

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** वाह रे ओ खुदगर्ज! चौरासी श्रेष्ठ इंसान,मैं हूँ इंसान बस, मैं ही रहूंगा जिंदानिरीह प्राणियों की, बलि चढ़ा कर,क्यों करता है इंसानियत को शर्मिंदा ? हिन्दू-मुस्लिम…

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‘ओ मेघा रे…’ स्पर्धा:प्रथम विजेता सुरेन्द्र सिंह राजपूत ‘हमसफ़र’ व डॉ.आशा गुप्ता ‘श्रेया’

इंदौर (मप्र)। 'ओ रे मेघा रे…' विषय पर हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा ४७ वीं स्पर्धा आयोजित कराई गई। इसमें डॉ.आशा गुप्ता 'श्रेया' और सुरेन्द्र सिंह राजपूत 'हमसफ़र' ने पहला…

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उनकी अहमियत को कभी नहीं भूलना

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** माता-पिता दिवस (२४ जुलाई) विशेष.... यह माता-पिता के प्रति सम्मान प्रकट करने और हमारे लिए किए गए त्याग के प्रति शुक्रिया कहने का दिन है।माता-पिता हर बच्चे-बड़े के…

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केसरिया…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अम्बर अवनि एक रंग रंगे तय भोर भये केसरिया,सागर सरवर को नहलाए यह साँझ ढले केसरिया। चोला बसंत बहार पहने रंग यही हलके गहरे,ऋतुराज सदा तरकश भरकर,…

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शिक्षा और चिकित्साःजबानी जमा-खर्च

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजों की औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली की दो-टूक आलोचना की और देशभर के शिक्षाशास्त्रियों से अनुरोध किया…

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मयूरा नाचे छतरी तान

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** कहूं मैं सुन मेरे मनमीत,सुना दो प्यारा-सा इक गीत।गीत सुन मनवा जाए झूम,मचे महफ़िल में ऐसी धूम। खिली है चारों ओर बहार,पड़ रही बारिश की बौछार।कोयली…

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मायने ही बदले

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** इस रंग बदलतीदुनिया मेंआज आदमी भी,स्वार्थपरता के रहतेगिरगिट की तरह,पल-पलबदल रहा है रंग। माना परिवर्तनप्रकृति का नियम है,पर आज आदमीछोड़ कर,अपने पूर्वजों केसंस्कारों की धरोहर,अपना रहा हैआधुनिकता…

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राग मल्हार

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* राग मल्हार छिड़ा,सावन की गुजरियाबरसे छम-छम है बदरिया,धरती ने ओढी़ हरी चुनरकिसलय पे दमके मोतीदेखो जी सांवरिया। नाचे ये लख सावन बूँदें,मोरनी भई बावरियासोंधी माटी…

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