`कोरोना` को भगाएंगे

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भीड़-भाड़ में न जाएंगे, हाथ किसी से न मिलाएंगे। सबको यह बताएंगे, `कोरोना` वायरस को दूर भगाएंगे। `कोरोना` लक्षण दिखे तो, तुरंत जांच कराएंगे।…

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सात फेरे

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* सात फेरे लिये जो संग तेरे, लगता सपने पूरे हो गये मेरे। मैं साजन,तुमसे बना सजनी, हाथ पकड़ लाया मैं,द्वार मेरे। सातों वचन के सात…

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सरिता

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सरिता- सरिता ये धमनी शिरा,मान भारती शान! गंगा यमुना नर्मदा,चम्बल सोन समान! चम्बल सोन समान,सरित धरती सरसाती! बने नहर बहु बन्ध,फसल धानी लहराती! शर्मा बाबू लाल,सजी…

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रूठो मत इतना सज़न

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** यौवन सरित उफ़ान पर,मादकता भर नैन। तन्हाई के दर्द से,सजनी दिल बेचैन॥ अश्क नैन से हैं भीगे,पीन पयोधर गाल। रूठो मत इतना सज़न,है…

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जैसा बोया,वैसा ही पाओगे तुम

डॉ. वसुधा कामत बैलहोंगल(कर्नाटक) ******************************************************************* 'माँ' का दिन मनाने चले, माँ को वृध्दावस्था में वृध्दाश्रम रख आए। आज माँ की याद आयी, दिखावे का मुखड़ा लगाकर आज माँ पर हजार…

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प्रेम से मिलते हैं…

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** कहीं-कहीं पर रंग मिलते हैं, कहीं पर मित्रों दिल मिलते हैं। सालों की कटुता कोई मिटाता- प्रेम का पर्व यह प्रेम से मिलते हैं॥ परिचय–शशांक…

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सुलझती ही नहीं रिश्तों की उलझन

डॉ.अमर ‘पंकज’ दिल्ली ******************************************************************************* हवाओं में जो उड़ते हैं कहाँ क़िस्मत बदलते हैं, बड़े नादान हैं जो चाँद छूने को मचलते हैंl फ़ज़ा में रंग है लेकिन नहीं रंगीन है…

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दिल्ली क्यों दहली!

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** ये दिल्ली थी दिलवालों की अब क्यों है दंगाई की, क्या कसूर उन मजदूरों का... बलि चढ़ी उन वीरों की। क्यों न पूछें ये जनमानस कानून…

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छैयां नीम की

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** आँगन की छैयां सुहानी, बाबा सुनाते थे कहानी दादी लिए हाथ में पानी, देख हमें कैसे मुस्काती। खेलें हम पकड़े बंहियां..., नीम की छैयां...॥ गर्मी के…

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उपदेश

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* देने वाले देने को उपदेश, बहुत दे जाते हैं... पर क्या ऐसा होता है वो, उस पर चल पाते हैं। देते हैं उपदेश धर्म…

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