रोटी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* लोग रोटी के लिए, मेहनत करते हैं बेईमानी करते हैं, फरेब करते हैं मारपीट करते हैं चोरी करते हैं, कभी-कभी तो क़त्ल भी,…

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ईश्वर को करें प्रणाम

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* ले कर ईश्वर तेरा नाम, कर रहे तुझको बदनाम बात-बात कहते भगवान, आगे रखते खुद का नाम बड़ी मुश्किल से मिलता तन, फिर भी नहीं…

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शीशे का खिलौना

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** देख मेरी आँखों में तुझे ख्वाब दिखाऊँ, मेरा दिल का हाल तुझे क्या बताऊँ। डूबा हूँ तेरी इश्क के समंदर में, करीब आओ थोड़ा…

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पाहुन फागुन

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** टेर रहे हैं पपीहे, बुला रहे हैं फागुन को। कोयल तान सुना रही, आने वाले पाहुन को। पलाश के दहकते होंठ हो गए हैं लाल, अमलताश…

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शहीदों को श्रंद्धाजलि

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* घर का प्रणाम,परिवार का प्रणाम तुम्हें, गाँव,गली,खेत,खलिहान,का प्रणाम है। राह में रुके नहीं,और फर्ज से भी डिगे नहीं, मरते हुए भी किया ध्वज को प्रणाम है।…

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वैलेंटाइन नहीं…देश प्रेम दिवस मनाएंगे

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** आधुनिकता की होड़ में, वैलेंटाइन-डे.........नहीं देश प्रेम दिवस मनाएंगे। आज के दिन देश की खातिर, जिन शहीदों को हुई फाँसी। उन्हीं देशभक्त, भगत सिंह-राजगुरु-सुखदेव…

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सर पे कफन बांध कर चले

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** आज देश है पुकारता, दुश्मनों को है ललकारता। साथियों चलो संवर के आज, माटी की सौगंध ले चले॥ इस देश से आतंक मिटाना, दुश्मनों को…

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‘साब’ का मूड

अरुण अर्णव खरे  भोपाल (मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मूड-एक ऐसा शब्द है,जिससे हम सभी का वास्ता एक बार,दो बार नहीं,अपितु अनेक बार पड़ा है और इसके अनुभव भी कभी सुखद,कभी दुखद तो…

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समय का फेर

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** सब-कुछ जब ठीक-ठाक चल रहा, लोग हाल पूछे बेर-बेर, जब समय ने कहर गिराया, लोग लिए मुँह फेरl उगते सूरज को नमन सभी का, ढलने…

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डोरी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** टूटे कभी न डोर ये,बनते ये संजोग। रिश्ते बन्धन प्रेम का,बँधे सभी हैं लोग। बँधे सभी हैं लोग,जहां में देखो प्यारे। कहलाते परिवार,सभी…

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